सुरेखा यादव
सुरेखा यादव देश की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर हैं। यह 1988 में ड्राइवर बनी थीं। 2011 में वह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मौके पर वह डेक्कन क्वीन रेलगाड़ी को पुणे से मुंबई तक ले गईं थी। इसके बाद से यह एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर के रूप में पहचानी गई थीं।
मुमताज अली
इस लिस्ट में एक और महिला ड्राइवर का नाम शामिल है। मुमताज अली एशिया की पहली ऐसी महिला ड्राइवर जो डीजल और इलेक्ट्रॉनिक इंजन दोनों तरह की ट्रेनें चलाती हैं। इन्हें इस साल नारी शक्ति पुरस्कार मिला है। इसके अलावा लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो चुकी हैं।
वसंत कुमारी
वहीं बस ड्राइवर के रूप में वसंत कुमारी का नाम है। यह आज एशिया की पहली महिला बस ड्राइवर के रूप में जानी जाती हैं। तमिलनाडू की वसंत कुमारी ने महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है। इन्हें 2016 में रेनड्रापस सफल महिला पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
योगिता रघुवंशी
भारत की पहली ट्रक ड्राइवर की बात करें तो इस लिस्ट में योगिता रघुवंशी का नाम शामिल है। उनका इस पेशे में आने का मकसद साफ है कि वह दुनिया को यह दिखाना चाहती हैं महिलाएं दुनिया में हर काम कर सकती हैं। उत्तर प्रदेश की रहने वाली योगिता रघुवंशी लॉ एंड कामर्स ग्रेजुएट हैं।
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