- इस बार भी गर्मियों में अधूरे संसाधनों से जूझेगा फायर विभाग

-आधे से भी कम हैं फायरकर्मी, बगैर सीएफओ के चल रहा विभाग

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पोस्ट पद स्वीकृत खाली

सीएफओ 1 1

एफएसओ 7 6

फायर कर्मी 135 61

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मौजूद संसाधन

2-वाटर मेस्ट

4-वाटर बाउजर

2-बड़े वाटर टेंडर

4 छोटे वाटर टेंडर

50-लाख करीब डिस्ट्रिक्ट की आबादी

35- हाइडे्रंट ही बचे शहर में

40-से अधिक हाइडे्रंट हो गए गायब

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नोट: यह डिस्ट्रिक्ट के सभी फायर स्टेशनों का आंकड़ा है.

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बरेली:

गर्मी में आग से निपटने के लिए फायर डिपार्टमेंट ने तैयारी तो शुरू कर दी है, लेकिन फायर डिपार्टमेंट के पास संसाधन और स्टाफ अधूरा है. यहां तक कि फायर डिपार्टमेंट के लिए शहर में अपने हाइड्रेंट तक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी भी हादसे से निपटना विभाग के लिए मुश्किल ही नहीं किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

तीन माह से नहीं है सीएफओ

विभाग में एक तरफ तो संसाधनों की कमी है तो वहीं जिम्मेदारों का भी अभाव है. तीन माह पहले सीएफओ केएन रावत के रिटायरमेंट के बाद से अभी तक कोई सीएफओ नहीं भेजा गया. सीएफओ का चार्ज कभी पीलीभीत सीएफओ को तो कभी बदायूं सीएफओ को दे दिया जाता है. इस समय बदायूं सीएफओ आरके वाजपेयी को चार्ज दिया गया है. जबकि स्थानीय स्तर पर एफओएसओ सोमदत्त सोनकर संभाल रहे हैं. डिस्ट्रिक्ट में एफओएसओ की बात करें तो सात पोस्ट हैं, लेकिन तैनात सिर्फ एक ही है. जबकि 6 पोस्ट एफएसओ की आज भी खाली हैं.

पूरे शहर में 75 से अधिक हाइड्रेंट

आग बुझाने के लिए जरूरत पर पानी फायर ब्रिगेड को मिल सके इसके लिए शहर में जगह-जगह हाइड्रेंट प्वाइंट लगवाए गए थे. लेकिन एफएसओ ने फायर कर्मियों से मार्च में सभी हाइड्रेंट तलाशने और उनके क्रियाशील की रिपोर्ट मांगी तो 35 हाइडे्रंट ही मिले. जबकि आधे से अधिक हाइडे्रंट फायर विभाग भी नहीं तलाश पाया. आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि कहीं रोड डालते समय जमीन में हाइड्रेंट दब गया तो कहीं पर हाइड्रेंट ठप हो गया और चोर उखाड़ ले गए. ऐसे में अब फायर विभाग पहले हाइड्रेंट ठीक कराने के लिए भी कवायद करेगा. ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से पानी मिल सके.

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गर्मी में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं. इससे निपटने के लिए फायर डिपार्टमेंट ने पूरी तैयारी कर ली है. कर्मचारियों को शहर के हाइड्रेंट की हालत क्या है चेक करने को भी कहा है लेकिन आधे हाइड्रेंट ढूंढे नहीं मिल रहे हैं.

सोमदत्त सोनकर, एफएसओ बरेली