राज्य सभा में कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के सुषमा के श्रीलंका दौरे के दौरान दिए इंटरव्यू में भारतीय मछुआरों को सीमा लांघने पर गोली मारने के बयान का उल्लेख किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि सुषमा ऐसी असहाय विदेश मंत्री हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के समय उनके साथ मंच भी साझा नहीं करने दिया गया. शुक्ला इतने पर ही नहीं थमे, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के नेताओं को बुलाने के बाद अब पड़ोसी मुल्कों ने भी भारत को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है.

 

इस पर राज्यसभा में उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही से असहाय शब्द हटवाना चाहा, लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है. शुक्ला के आरोपों का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैं असहाय नहीं, प्रभावशाली विदेश मंत्री हूं. ओबामा की यात्रा के दौरान मैं अपने प्रधानमंत्री के साथ बैठी थी, जहां मुझे बैठना चाहिए था. आप तस्वीरें देख सकते हैं.’

मछुआरों के मुद्दे पर सफाई देते हुए सुषमा ने कहा कि विक्रमसिंघे के बयान और भारतीय रुख को बड़ी कड़ाई से उन्होंने श्रीलंका के सामने रखा था. श्रीलंका के प्रधानमंत्री का बयान आपत्तिजनक और असंगत था. और आपकी पीड़ा और गुस्से को मैं भी महसूस करती हूं. इस बात को सख्ती से श्रीलंका सरकार के समक्ष रखा गया. उन्होंने बताया कि विक्रमसिंघे से उनकी बातचीत के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने भारत के सख्त रुख की जानकारी भी दी थी. मैं यह फक्र से कहना चाहती हूं कि मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में भारतीय मछुआरों के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. जबकि पहले श्रीलंकाई नौसेना के हाथों 500 भारतीय मछुआरे मारे जा चुके हैं.

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