स्थानीय पत्रकार नीरज सिन्हा के मुताबिक़ रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल के बाहर उनके बेटे तेजस्वी यादव ने हज़ारों पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनका स्वागत किया.
लालू नीले रंग का हाफ स्वेटर और कुर्ता पायजामा पहने हुए थे. उन्होंने स्पोर्ट्स शूज़ पहन रखे थे.
जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि बाहर आने के बाद वो पूरे देश में घूम-घूमकर सांप्रदायिक ताकतों के ख़िलाफ़ अपने संघर्ष को जारी रखेंगे.
हाल ही में कांग्रेस को चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत लगी रहती है. और ये कोई चिंता की बात नहीं है.
'हम तैयार हैं'
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा, "नरेंद्र मोदी या कोई मोदी हो. हम लंगोट पहनकर तैयार हैं."
लालू ने अपने समर्थकों की नारेबाज़ी के बीच कहा कि फिरकापरस्त ताकतों को रोकने के लिए जो बन सकेगा वो करेंगे.
जेल से निकलने के बाद वो रांची से 60 किलोमीटर दूर एक मंदिर में दर्शन करने जाएंगे. झारखंड सरकार में मंत्री आरजेडी विधायक अन्नपूर्णा देवी भी इस मौक़े पर मौजूद रहीं.
जेल परिसर के बाहर सुबह से ही बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनता दल के बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमघट लगना शुरू हो गया था. सब हाथ में पार्टी का झंडा पकड़े हुए थे और बड़ी संख्या में लालटेन लेकर (जो पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है) मौजूद रहे.
जेल के बार कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम रहे. आसपास जैमर भी लगाए गए. लालू प्रसाद को 25-25 हजा़र के दो मुचलकों पर ज़मानत दी गई.
वो कोर्ट की इजाज़त के बिना देश नहीं छोड़ सकते.
उन्हें 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले एक मामले में दोषी ठहराया था जिसके बाद उन्हें पांच साल की सज़ा सुनाई थी.
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