लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल पुराने गानों और फिल्मों के बन रहे रिमेक और रिमिक्स पर तापसी बताती हैं कि लोग इसके लिए हम लोगों को क्यों जिम्मेदार मानते हैं, जो लोग देखना चाहते हैं वही तो बनाया जाता है। लोग खुद पुराने और नये में कंपेयर करें और देखें क्या सही है। वैसे भी जो बिकेगा वहीं तो चलेगा।
कंपेयर होना पसंद नहीं
पहले लोग मुझे लेडी अक्षय कुमार तो अब फीमेल आयुष्मान बुलाने लगे हैं। आखिर कंपेरिजन करने के लिए मेल एक्टर ही क्यों लिये जाते हैं? किसी फीमेल कैरेक्टर के साथ क्यों नहीं कंपेयर करते। हालांकि कंपेयर किसी से नहीं करना चाहिए। मुझे बिलकुल नहीं पसंद जब कोई मेरी किसी से तुलना करता है।
जड़ों से जुड़ी कहानी पसंद
वहीं डायरेक्टर अनुभव सिन्हा बताते हैं कि मुझे जड़ों से जुड़ी कहानियां बेहद पसंद हैं। शायद इसीलिए मैं सोशल कॉज पर बनी फिल्में ज्यादा बनाता हूं। मुझे इस तरह की फिल्में बनाना बेहद पसंद है। अब इसे मेरी बढ़ती उम्र या मेरी सोच जाे समझ लें।
आधी जानकारी शेयर करते हैं
सोशल मीडिया पर ट्रोल और फिल्मों के बॉयकॉट पर अनुभव कहते हैं कि ऐसे लोग बिना फिल्म देखे अपनी धारणा बना लेते हैं। फिल्मों को लेकर मुझे एंटी-हिंदू तक कहा गया जबकि मैं हनुमान चालीसा के साथ रोज पूजा भी करता हूं। मैं एंटी कैसे हो सकता हूं? लोग आधी जानकारी सोशल मीडिया पर फारवर्ड करते हैं। आखिर विरोध किस बात का यह भी तो बताएं? यहीं बात मेरे समझ में नहीं आती है।
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