नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना ने देश को टिड्डियों के हमलों से बचाने के लिए Mi-17 हेलिकॉप्टरों को एयरबोर्न टिड्डी नियंत्रण प्रणाली (ALCS) के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया है। वायु सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'चंडीगढ़ स्थित रिपेयर डिपो ने स्वदेशी रूप से डिजाइन किया और Mi-17 हेलीकॉप्टरों के लिए ALCS विकसित किया।' देश भर के विभिन्न राज्यों में बार-बार टिड्डियों के हमलों की आशंका जताते हुए, भारतीय कृषि मंत्रालय ने मई 2000 में यूके स्थित एक कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। जिसमें टिड्डे के प्रजनन को रोकने के लिए परमाणु कीटनाशक के छिड़काव के लिए दो भारतीय वायु सेना के एमआई -17 हेलिकॉप्टरों का उपयोग किए जाने की बात शामिल थी।

एयरफोर्स ने खुद किया विकसित

कोविड -19 महामारी के कारण, यूके स्थित फर्म सिस्टम एकीकरण और परीक्षण के लिए सितंबर 2020 से पहले भारतीय वायुसेना में संशोधन किट बनाने और आपूर्ति करने में असमर्थ थी। राज्यों में देरी और एक अभूतपूर्व टिड्डे के हमले के कारण, IAF ने खुद ही कीटनाशक छिड़काव किट विकसित करने का निर्णय लिया। IAF ने चंडीगढ़ में स्थित बेस रिपेयर डिपो को कार्य सौंपा, जिसमें Mi-17 हेलीकॉप्टरों के लिए ALCS को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया।

ट्राॅयल भी हो चुका

कीटनाशक मैलाथियान हेलीकॉप्टर के अंदर फिट किए गए 800 लीटर क्षमता के आंतरिक सहायक टैंक में भरा जाएगा और इसे पंप किया जाएगा। इस काम में 750 हेक्टेयर के क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव 40 मिनट में पूरा हो जाएगा। एयरक्राॅफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग बेंगलुरु के कुछ पायलटों और इंजीनियरों ने इसका ट्राॅयल कर लिया है।

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