हाल के वर्षों में दुनिया की यह एक बड़ी सैन्य खरीद होगी

नई दिल्ली (प्रेट्र)। भारत ने अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने के लिए एक खास पहल की है। इसके तहत अब वह 110 लड़ाकू विमान खरीदेगा। खास बात तो यह है कि भारत की यह अनोखी पहल मेक इन इंडिया के तहत हुई है। भारत में मार्डन डिफेंस टेक्नोलॉजी यानी कि अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी बढा़ने के लिए शुरू किए गए स्ट्रैटजिक पार्टिपेशन मॉडल यानी कि रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत ये काम पूरा किया जाएगा। विमानों के इस सौदे में करीब 15 फीसदी विमान तैयार हालत में खरीदे जाएंगे। वहीं करीब 85 फीसदी लड़ाकू देश में ही मैन्यूफैक्चर किए जाएंगे। इनमें 75 फीसदी जेट सिंगल सीटर होंगे जबकि बाकी दो सीटों वाले होंगे।

बोली की प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव की आखिरी तरीख 6 जुलाई

वहीं इस डिफेंस डील में बोली लगाने वाले इच्छुक निर्माताओं को अपने प्रस्ताव 6 जुलाई तक भेजने होंगे। वहीं इन लड़ाकू जेट विमानों को तैयार होने में करीब 15 बिलियन डॉलर यानी करीब 973 अरब 87 करोड़ 50 लाख रुपये का खर्च आने की उम्मीद है। वहीं इस सौदे में लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, साब औत दसाल्ट जैसी बड़ी कंपनियों के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है। भारतीय वायुसेना के वर्तमान में 32 मुकाबले स्क्वाड्रन हैं। इसे 42 स्क्वाड्रन तक बढ़ाया जाना है।

दो दशकों में 200 से अधिक लड़ाकू विमानों की जरूरत

इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दो दशकों में कम से कम 200 से अधिक लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है क्योंकि कुछ लड़ाकू विमान अगले चार से पांच साल में रिटायर होने वाले हैं। बतादें कि यूपीए सरकार द्वारा पांच साल पहले वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु भूमिका लड़ाकू विमान की खरीद प्रक्रिया रद्द करने के बाद यह पहली बड़ी डील होगी। वहीं एनडीए सरकार ने सितंबर 2016 में 36 राफेल डबल इंजन वाले लड़ाकू विमानों की खरीद की पहल की थी। इस दौरान फ्रांस सरकार के साथ 7.87 अरब यूरो (करीब 59000 करोड़ रुपये) के सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे।

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