सुलूर, तमिलनाडु (एएनआई) भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया बुधवार को सुलूर एयरबेस पर वायुसेना के नंबर 18 स्क्वाड्रन, 'फ्लाइंग बुलेट' का परिचालन करेंगे। LCA का मतलब 'लाइट काॅम्बैट एयरक्राफ्ट' होता है। जिस स्क्वाॅड्रन में इस फाटर प्लेन को कमीशन किया गया है उसका नाम 'फ्लाइंग बुलेट' है। यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस एफओसी विमान से लैस होगा और साथ ही एलसीए तेजस को उड़ाने वाला दूसरा IAF स्क्वाड्रन होगा। 'तेवरा और निर्भया' के मोटो के साथ 15 अप्रैल, 1965 को निर्मित स्क्वाड्रन 15 अप्रैल, 2016 को नंबर प्लेट लगाने से पहले मिग 27 विमान उड़ा रहा था। इस स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में पुनर्जीवित किया गया था।

1971 के युद्ध में इसने लिया भाग

इसने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया और शहीद फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'परमवीर चक्र' से अलंकृत किया गया। इसने श्रीनगर से पहली और उतरने के बाद 'डिफेंडर्स ऑफ कश्मीर वैली' की शोभायात्रा अर्जित की। एक बयान में कहा गया है कि स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति के मानक के साथ प्रस्तुत किया गया था। तेजस एक स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है। यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के अपने समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है।

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