पठानकोट (पीटीआई)। भारतीय वायु सेना में मंगलवार को अमेरिका निर्मित 8 अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर  शामिल होंगे। ये लड़ाकू विमान भारती वायु सेना की क्षमता को और ज्यादा मजबूत कर देगी। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों का कहना है कि इन लड़ाकू विमानों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। समारोह चल रहा हैै। लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को मुख्य अतिथि के रूप में एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ की माैजूदगी में पठानकोट वायु सेना स्टेशन में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।



एएच -64 ई अपाचे दुश्मनों को चटाएगा धूल

एएच -64 ई अपाचे दुनिया के मल्टी रोल वाले कांबैट हेलीकाप्टरों में से एक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर लगभग 280 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है। यह हेलिकॉप्टर करीब 2 घंटा 45 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है। इस हेलिकॉप्टर को रडार आसानी से पकड़ नहीं पाता है। यह हेलिकॉप्टर जब दुश्मन पर हमला करता है तो उसका बचना मुश्किल होता है। खास बात ताे यह है कि यह आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप से लेकर टैंक तक मिनटों में तबाह कर सकता है।

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अमेरिकी सेना में किया जहा इसका इस्तेमाल
वर्तमान में एएच -64 ई अपाचे का अमेरिकी सेना में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वायुसेना के बेड़े में अपाचे के 8 हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से उसकी ताकत और संहारक हो जाएगी। 2020 तक भारतीय वायुसेना के बेड़े में एक डील के मुताबिक पूरे 22 अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हो जाएंगे। बता दें कि भारत सरकार ने साल 2015 हथियार बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ 4168 करोड़ रुपये में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था।
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