लंदन (एएनआई)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के एक सीनियर अधिकारी स्टीव रिचर्डसन का मानना ​​है कि 'मैच फिक्सिंग कानून भारत में गेम-चेंजर साबित होगा' और यहां मैच फिक्स होने से बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है। 2021 से 2023 के बीच अगले तीन सालों में भारत को ICC के दो बड़े इवेंट होस्ट करने हैं। इसमें एक 2021 में T20 विश्व कप है और दूसरा 2023 में ODI विश्व कप होगा। ये ग्लोबल टूर्नामेंट मैच फिक्सर्स द्वारा सबसे अधिक पसंद किए जाने वाली इवेंट हैं और इसमें कोई मैच फिक्स न हो, इसका बचाव करना आईसीसी के लिए बड़ी चुनौती है।

भारत में भ्रष्टाचार को रोकना बड़ी चुनौती

ईएसपीएनक्रिकइन्फो ने रिचर्डसन के हवाले से कहा, "भारत 2023 तक दो विश्वकप का आयोजन करने जा रहा है। यहां फिलहाल मैच फिक्सिंग को लेकर कोई कानून नहीं है, हम भारतीय पुलिस के साथ अच्छे संबंध रखेंगे, लेकिन वे इसके साथ काम कर रहे हैं। हालांकि वो भी कहीं न कहीं दबाव में रहते हैं। हम हर वो काम करेंगे जो हम कर सकते हैं। भ्रष्टाचारियों को खदेड़ने के लिए हम सब कुछ करेंगे। मगर इसे रोकने के लिए भारत को मैच फिक्सिंग को लेकर कानून बनाना होगा और यह गेम चेंजर साबित होगा। वर्तमान में हमारे पास 50 जांचें लंबित हैं। उनमें से अधिकांश भारत में भ्रष्टाचारियों से जुड़े हैं। इसलिए नया कानून मैच को फिक्सिंग होने से बचाने में कारगर साबित होगा।'

श्रीलंका में 10 साल की है सजा

2019 में श्रीलंका में मैच फिक्सिंग को अपराध की श्रेणी में रखा और इसके लिए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान दिया है। इसी के साथ श्रीलंका मैच फिक्सिंग का अपराधीकरण करने वाला दक्षिण एशिया का पहला बड़ा क्रिकेट खेलने वाला देश बन गया। रिचर्डसन ने 'क्या भारत को मैच फिक्सिंग कानून की जरूरत है?' विषय पर एक पैनल चर्चा के दौरान कहा, 'कानून भ्रष्टाचारियों को रोक देगा, उन्होंने कहा कि अभी ये स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। मैं वास्तव में भारतीय पुलिस या भारत सरकार के पास कम से कम आठ लोगों के नामों की लिस्ट पहुंचा सकता हूं, जो लगातार मैच फिक्सिंग में संलप्ति रहे हैं और वे लगातार खिलाड़ियों से संपर्क करने की कोशिश करेंगे और उनसे मैच फिक्स करेंगे।"

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