आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव डेव रिचर्डसन को लगता है कि करेंट टाइम की क्रिकेट स्पेशियली लिमिटिड ओवरों के मैचों में बैलेंस बैटसमैन के फेवर में झुक गया है. रिचर्डसन ने कहा, ‘बैलेंस कुछ ज्यादा ही शिफ्ट हो गया है, क्योंकि कई बार खराब या गलत टाइमिंग से लगाया गया शॉट भी छह रन के लिए चला जाता है. हम इसमें सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं. अभी हमने बाउंड्री लिमिटस का साइज  बढ़ाने की कोशिश की है. वर्ल्ड कप में स्पेशली ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में जहां भी संभव हो बाउंड्री लाइन 90 गज तक कर दी जाएगी.’ बैट्समैंस ने हाल में कई नए अचीवमेंट्स हासिल किए हैं. साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स ने हाल में 31 गेंदों पर वनडे सेंचुरी जडक़र कोरी एंडरसन का 36 गेंदों पर सेंचुरी का एक साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया.

रिचर्डसन ने कहा, ‘डिविलियर्स से किसी को भी जलन नहीं है, जिन्होंने कुछ शानदार शॉट खेले. वह, ब्रैंडन मैकुलम, कुमार संगकारा सभी बेहद टैलेंटेड प्लेयर्स हैं और यदि वे कुछ अच्छे शॉट लगाकर छक्के जड़ते हैं तो किसी को प्राब्लम नहीं होगी, लेकिन कुछ बल्लेबाज सही टाइमिंग से गेंद को हिट नहीं करते हैं, और इसके बावजूद वह बाउंड्री पर कैच होने के बजाय छक्के के लिए चली जाती है. यहां पर लगता है कि यह ठीक नहीं है.’

रिचर्डसन ने कहा कि आजकल बैटस बहुत अच्छे बन गये हैं. स्वीट स्पॉट पिछले 10-15 सालों के कंपेरिजन में अधिक बड़ा हो गया है. एमसीसी (वर्ल्ड क्रिकेट काउंसिल) नियम बनाने  और आईसीसी खासतौर पर बल्ले की थिकनेस की लिमिट तय करने पर विचार कर रही है. वर्ल्ड क्रिकेट काउंसिल ने हालांकि बल्ले के साइज से रिलेटेड नियम में बदलाव करने के खिलाफ फैसला किया था. क्रिकेट के नियम में कांट्रेक्ट ई के अनुसार बल्ले की लंबाई 38 इंच और चौड़ाई 4.25 इंच होती है. आईसीसी के इस विचार की हालांकि बैट्स मेकिंग कंपनियां आलोचना कर रही हैं. इन कंपनीज का कहना है कि बल्ले का आकार सीमित करना सही नहीं है.

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