RANCHI : रेगुलर स्टडी, टाइम मैनेजमेंट, परफेक्ट रूटीन और हर सब्जेक्ट की बैलेंस तैयारी। टीचर्स का गाइडेंस और पैरेंट्स का सपोर्ट। शानदार रिजल्ट चाहिए तो इन्हें हर हॉल में फॉलो करना होगा। यह कहना है आईसीएसई के 10 वीं और 12 वीं बोर्ड के टॉपर्स का। इनका कहना है कि परीक्षा के पहले की पढ़ाई उतनी अहमियत नहीं रखती है, िजतना आप सालभर पढ़ते हैं। इतना ही नहीं, पढ़ाई को बोझ के तौर पर कभी नहीं लें। जो भी पढ़ें, ठोस हो। अगर किसी तरह की प्रॉब्लम आ रही है तो उसे उसी वक्त सॉल्व करें, बाद के भरोसे नहीं छोड़ें। विषय को रटने की बजाय समझने की कोशिश करें। सफलता की यही सबसे बड़ी कुंजी है। इन टॉपस ने यह भी बताया कि स्कूल में जो पढ़ाई होती है, उसे उसी दिन घर में आकर जरूर रिवाइज करनी चाहिए, इससे कान्सेप्ट क्लियर रहेगा और पढ़ाई में किसी तरह का तनाव पैदा नहीं होगा। इतना ही नहीं, पैरेंट्स के सुझाव भी बेहतर रिजल्ट में कारगर साबित होते हैं। ऐसे में ईमानदारी से मेहनत करें, सफलत कदम चूमेगी।

लॉरेटो कॉन्वेंट

रेगुलर स्टडी से बेहतरीन रिजल्ट

96.4 परसेंट मा‌र्क्स के साथ श्रेया स्कूल टॉपर बनी हैं। इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता और स्कूल परिवार को देते हुए श्रेया ने बताया कि रेगुलर पढ़ाई की वजह से बेहतरीन रिजल्ट रहा है। 10वीं में आने के बाद पढ़ाई में पैरेंट्स का भरपूर सहयोग रहा। उनके गाइडेंस में पढ़ाई की। अब जेवीएम श्यामली से 12 वीं करना है। इसके बाद ही तय करूंगी कि किस फील्ड में कैरियर बनाना है।

रेगुलर पढ़ाई है सबसे जरूरी

आर्ची जालान ने बोर्ड में 90 परसेंट मा‌र्क्स लाए हैं। वे बताती हैं- घर हो या स्कूल, पढ़ाई के लिए बनाई गई रूटीन को पूरी तरह फॉलो किया। स्कूल में जो पढ़ाई होती थी, घर आकार उसे जरूर रिवाइज करती थी। अगर पढ़ाई में कोई कंफ्यूजन होता था तो दोस्तों के साथ उसे सॉल्व करती थी। जहां तक कैरियर बनाने का प्लान है, इसका फैसला 12 वीं के बाद ही करूंगी।

टाइम मैनेजमेंट का रखें ध्यान

भाव्या चंद्रा कहती हैं- अगर सफलता चाहिए तो पढ़ाई में टाइम मैनेजमेंट का जरूर ध्यान रखें। हर विषय की पढ़ाई का ना सिर्फ रूटीन बनाए, बल्कि उसे फॉलो भी करें। इससे हर सब्जेक्ट की बैलेंस तैयारी होगी। किसी भी विषय को कम आंकने की कोशिश नहीं करें। रेगुलर स्टडी से निश्चित तौर पर बेहतर परिणाम मिलेंगे।

हर सब्जेक्ट की बैलेंस हो तैयारी

रूटीन बनाकर रेगुलर पढ़ाई से बेहतर रिजल्ट मिलती है। आयुषी पाठक कहती हैं- मैंने पढ़ाई के लिए हर सब्जेक्ट की समय सीमा तय कर ली थी। रूटीन बनाकर रेगुलर पढ़ाई जारी रखी। इस वजह से एग्जाम के वक्त तैयारियों को लेकर ज्यादा टेंशन नहीं हुई। अब 12 वीं की पढ़ाई अच्छी से करनी है। इसके बाद करियर के ऑप्शन पर विचार करूंगी।

सेंट जेवियर्स स्कूल

पहले बनाई रूटीन, फिर पढ़ाई

अभिषेक श्रीवास्तव 97.25 परसेंट मा‌र्क्स के साथ 12वीं साइंस में स्कूल टॉपर बने हैं। वे कहते हैं- पहले रूटीन बनाई, फिर सभी सब्जेक्ट की उसी हिसाब से पढ़ाई की। इतना ही नहीं, 12 वीं के साथ आईआईटी की भी तैयारी जारी रखी। पढ़ाई के दौरान सिलेबस का भी पूरा ध्यान रखा। इसके अलावा प्रीवियस ईयर्स के क्वेश्चंस पेपर्स व मॉडल आंसर सेट भी सॉल्व किए। मेरी सफलता के पीछे यही राज है। अब इंजीनियरिंग फील्ड में कैरियर बनाने का इरादा है।

मेडिकल में बनाना है कैरियर

अगर बेहतर परिणाम चाहिए तो रेगुलर स्टडी के साथ टाइम मैनेजमेंट का जरूर ख्याल रखें। रूटीन बनाकर हर सब्जेक्ट की बैलेंस तैयारी करें। यह कहना है 12वीं साइंस में 97.25 परसेंट मा‌र्क्स हासिल करने वाली आकांक्षा प्रिया का। मैंने यह सोचकर पढ़ाई नहीं की कि टॉपर बनना है। बस रेगुलर स्टडी करती है। इसी का परिणाम है कि रिजल्ट शानदार रहा। नीट दी हूं। मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का इरादा है।

एमबीए की लेनी है डिग्री

कॉमर्स की कॉलेज टॉपर अनु अभिलाषा कहती हैं- स्कूल में पढ़ाई को लेकर जो गाइडेंस मिलती थी, उसे जरूर फॉलो की। तैयारी में पैरेंट्स ने भी पूरा सहयोग किया। रेगुलर स्टडी के साथ टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान रखा। कभी पढ़ाई को तनाव के रूप में नहीं लिया। इस वजह से रिजल्ट शानदार रहा। अब बीबीए और फिर एमबीए करना है।

तय कर ली थी पढ़ाई की टाइमिंग

मैंने पढ़ाई के लिए समय तय कर ली थी। सुबह और रात में रेगुलर स्टडी करता रहा। इसी का नतीजा है कि रिजल्ट बेहतर रहा है। यह कहना है 10 वीं बोर्ड के स्टूडेंट तसन का। तसन कहते हैं- पढ़ाई के लिए रूटीन जरूर बनाए और उसे फॉलो करें। हर सब्जेक्ट की तैयारी समय बांधकर करें। बेहतर परिणाम मिलेंगे। अब इंजीनियरिंग करनी है, इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

पूरी सिलेबस की हो ठोस तैयारी

बेहतर रिजल्ट के लिए पूरे सिलेबस की ठोस तैयारी करें। चैप्टर को सिर्फ पढ़ें नहीं, बल्कि उसके गूढ़ को समझें। अगर कोई समस्या आए तो तुरंत इसे सॉल्व करें, बाद के लिए नहीं छोड़े। बोझिल होने की वजह से किसी चैप्टर को दरकिनार नहीं करें। साहिल कहते हैं- स्कूल में जो पढ़ाई होती थी, घर आने पर उसे जरूर रिवाइज करता था। अब इंजीनियरिंग के फील्ड में करियर बनाना है।

बिशप वेस्टकॉट ग‌र्ल्स स्कूल डोरंडा

टीचर्स की ली पूरी मदद

10 वीं स्कूल टॉप यशस्वी सिंह कहती हैं- पढ़ाई में स्कूल के टीचर्स की भरपूर मदद ली। जहां किसी तरह की दिक्कतें आती थी, उसे टीचर्स के साथ मिलकर दूर करती थी। सालों भर रेगुलर स्टडी की। हर सब्जेक्ट की पढ़ाई के लिए समय निर्धारित कर रखी थी। पैरेंट्स ने भी प्रॉपर गाइड किया। इसी की बदौलत आज बेहतरीन कायमाबी मिली है। इसे आगे भी जारी रखनी है।

स्कूल में जो पढ़ा, घर में आकर रिवाइज

स्कूल में जो पढ़ाई होती थी, उसे उसी दिन घर आकर जरूर रिवाइज करती थी। यह कहना है महिमा का। वे कहती हैं, टीचर्स व पैरेंट्स के सपोर्ट से रिजल्ट अच्छा करने में कामयाब रही हूं। आगे भी इसी तरह से पढ़ाई करनी है, ताकि बेहतर करियर बना सकूं।