रांची : मरकजी सीरत कमिटी डोरंडा की ओर से रविवार को पैगंबर मोहम्मद स। के जन्मदिवस (ईद मिलादुन्नबी) पर जलसा का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौलाना इकबाल अहमद मिस्बाही ने कहा कि आप जहां रहें अपने इमान पर रहें। मजहबे इस्लाम जो आज दुनिया में फैला है वो तलवार की जोर पर नहीं बल्कि पैगंबर के सदव्यवहार (अखलाक) की बुनियाद पर फैला है। मौलाना ने लोगों से अमन का पैगाम पेश करने को कहा। अपने अच्छे अखलाक से लोगों को भाईचारगी का पैगाम दें। हजरत मोहम्मद स। पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। कोलकाता से आए मौलाना सैफुल्लाह अलिमि ने कहा कि मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वे इस्लाम के कानूनों की मानें। अल्लाह ने कुरआन मजीद में सबकुछ लिख दिया है। यदि हमलोग कुरआन मजीद को सही रूप से समझें और उसके अनुसार चलें, तो जरूर कामयाब होंगे। हमारी नबी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। वह किसी समुदाय के नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए संदेश लेकर आए थे। मौलाना आफताब आलम जिया ने कहा कि जिस देश में आप रहते हैं, वहां की बेहतरी के लिए सोंचें। देश में अमन व शांति बनी रहे इस पर काम करें। जलसा की अध्यक्षता हजरत सैयद शाह अलकमा शिबली ने की और संचालन कारी ओवेस रजा और मौलाना कमरुद्दीन ने किया।

सरदार आ रहे हैं, सरकार आ रहे हैं

शायरे इस्लाम मौलाना ताबे आलम शैदा ने जब पढ़ा कि सरदार आ रहे हैं, सरकार आ रहे हैं, लेकर नवेद बख्शिश, गमख्वार आ रहे हैं। सरदार अंबया की किया शान है निराली, खुद भूखे रह के देखो, सबको खिला रहे हैं। यह सुनकर वहां बैठे लोग झूम उठे। आने वाले सभी मेहमानों का स्वागत कमेटी के अध्यक्ष अशरफ अंसारी, उपाध्यक्ष नसिमुल हक सरफराज, मो। तैयब, सचिव मौलाना मनिरुद्दीन, मुमताज गद्दी, अलाउद्दीन, परवेज ने सभी का स्वागत किया। मौके पर अशरफ अंसारी, नसिमुलहक सरफराज, मो। तैयब, मौलाना मनिरुद्दीन, मुममताज गद्दी, अलाउद्दीन, परवेज सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

डोरंडा में 85वां जलसा

कमेटी के अध्यक्ष अशरफ अंसारी और नसिमुलहक सरफराज ने बताया कि यह कमेटी के द्वारा 85वां जलसा कराया जा रहा है। हर वर्ष ईद मिलादुन्नबी पर कमेटी के द्वारा जश्न ईद मिलादुन्नबी का जलसा कराया जाता है। जो तीन फेज में होता है। पहला सुबह 10 बजे से 1 बजे तक। दूसरा फेज में महिलाओं के लिए होता है जो 4 बजे से 9 बजे तक चलता है। आखिरी फेज रात 10 बजे से लेकर पूरी रात तक तफसीर चलती है। इसमें महिलाओं के लिए अलग से पर्दा का एहतेमाम किया जाता है।

कई जगहों पर मनी ईद मिलादुन्नबी :

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शहर के कई जगहों पर लंगर का आयोजन किया गया। कई जगहों पर जश्न मनाए गए, तो कई जगहों पर कार्यक्रम के आयोजन हुए। डोरंडा मनीटोला फिरदौस नगर स्थित खानकाह मजहरिया मुनअमिया में मिलाद ऐ मोहम्मदी का एहतेमाम खानकाह के सच्जादा नशी मौलना शैयद शाह अलकमा शिबली के द्वारा किया गया। जिसमे पैगंबर स। की जिंदगी के बारे में लोगों को बताया गया। उनके पैगामे मोहब्बत की बात लोगों को सुनाई गई। उनके बताए हुए अच्छे और नेक काम और नेक राह पर चलने की नसीहत दी गई। गरीबों की मदद छोटे-बड़ों की इज्जत की बात कह। साथ ही अपने मुल्क की हिफाजत और सभी लोगों से मोहब्बत के साथ रहने की बात कही।