- खिलाड़ी, एंप्लाई के साथ बनेगा टहलने वालों का आईकार्ड

- आउट साइडर्स की एंट्री को रोकने के लिए जिम्मेदारों ने लिया फैसला

GORAKHPUR: रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में अब खिलाडि़यों की आसानी से पहचान हो सकेगी। कोच हो या कोई बाहरी अधिकारी उन्हें देखते ही पहचान सकेगा। इसके लिए स्टेडियम एडमिनिस्ट्रेशनने कवायद शुरू कर दी है। सभी खिलाडि़यों का स्मार्ट आई कार्ड बनाया जाएगा। इसमें खिलाडि़यों से जुड़ी सभी अहम डीटेल मौजूद रहेगी। खिलाडि़यों को इसे साथ लेकर आना होगा, जिससे कि उनकी पहचान की जा सके और स्टेडियम में एंट्री करने वाले आउट साइडर्स पर लगाम कसी जा सके। इसकी प्रॉसेस जल्द ही शुरू की जाएगी।

सिक्योरिटी परपज से की पहल

रीजनल स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में खिलाडि़यों और आउट साइडर्स के बीच कई बार मारपीट की घटनाएं बार सामने आती रहीं हैं। खिलाड़ी और स्टेडियम के जिम्मेदार जब इसकी कंप्लेन करते हैं तो मामला पुलिस तक भी पहुंचता है, लेकिन मनबढ़ों की पहचान होने के बाद भी किसी पर कार्रवाई नहीं हो पाती है। खिलाडि़यों का रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन सभी खिलाडि़यों को पहचान पाना काफी मुश्किल होता है। इस प्रॉब्लम से निपटने के लिए स्टेडियम के जिम्मेदारों ने खास पहल की है, जिससे कि खिलाडि़यों की पहचान की जा सके और बाहरी लोगों की एंट्री बैन की जा सके।

बिना आईकार्ड नहीं मिलेगी एंट्री

स्टेडियम में यूं तो प्रैक्टिस करने के लिए आने वाले सभी खिलाडि़यों का पहले से ही रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद खिलाडि़यों को उनसे संबंधित खेल के कैंप में भेज दिया जाता है। जहां ट्रेनर की देखरेख में वह अपनी प्रक्टिस शुरू करते हैं। मगर आईकार्ड बंटने के बाद सभी खिलाडि़यों को इसे पास रखना जरूरी होगा। इसे जिम्मेदार किसी भी वक्त मांग सकते हैं, जिसे न दिखाने वाले को स्टेडियम से बाहर भी जाना पड़ सकता है।

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टहलने वालों का भी रजिस्ट्रेशन

स्टेडियम में खिलाडि़यों के अलावा बड़ी तादाद में लोग सेहत बनाने के लिए भी पहुंचते हैं। अब ऐसे लोगों का भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें भी आईकार्ड दिए जाने की प्लानिंग की गई है। जिम्मेदारों की मानें तो सिक्योरिटी परपज से यह कदम उठाए गए हैं। खिलाडि़यों के साथ ही स्टेडियम में एंट्री करने वाले लोगों को भी प्रॉपर किट में रहना होगा। नई व्यवस्था में बिना उचित किट के कोई स्टेडियम में एंट्री नहीं कर सकेगा।

वर्जन

स्मार्ट कार्ड बन जाने से हर खिलाड़ी की पहचान आसान हो सकेगी और अराजक तत्वों का प्रवेश रुक सकेगा। खेल विभाग को उम्मीद है कि इस कदम से खिलािड़यों की सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता होंगे।

- अरुणेंद्र पांडेय, आरएसओ