वीडियो कांफ्रेंसिंग के तहत शासन ने दिए स्पष्ट निर्देश

सुबह 8 बजे से शाम चार बजे तक डॉक्टर्स को करना होगा काम

Meerut। मेडिकल कॉलेज में अब हर महीने कम से कम 400 पेशेंट्स को आयुष्मान योजना का लाभ देना अनिवार्य होगा। अगर कॉलेज प्रशासन ये टारगेट पूरा करने में असफल होता है तो शासन इस पर सीधी कार्रवाई करेगा। यही नहीं शाम 4 बजे तक डॉक्टर्स की कार्य व्यवस्था को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। ई-हॉस्पिटल को लेकर भी 100 प्रतिशत मरीजों का एडमिट व डिस्चार्ज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

डिपार्टमेंट वाइज दिया टारगेट

आयुष्मान योजना के तहत पेशेंट्स का इलाज करने के लिए टारगेट को अलग-अलग डिपार्टमेंट वाइज बांट दिया गया है। इसके तहत मेडिसिन डिपार्टमेंट को हर दिन 6 से 8 पेशेंट्स को एडमिट करना होगा । सर्जरी विभाग को रोजाना 5 से 6, गायनिक विभाग को 4-5 , हड्डी रोग विभाग को 5-6, बालरोग विभाग को 4-5 पेशेंट्स रोजाना एडमिट करने होंगे। वहीं ईएनटी, टीबी, डेंटल, मेंटल, स्किन व आई डिपार्टमेंट को रोजाना कम से कम 2 से 3 मरीज एडमिट करने होंगे। हाल ही में मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर व मेडिकल एजुकेशन सेक्रेट्ररी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कॉलेज की समीक्षा की थी। जिसमें आयुष्मान योजना में मेरठ मेडिकल कॉलेज पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है। इसके बाद ही ये व्यवस्था लागू की जा रही है।

4 बजे तक काम करेंगे डॉक्टर्स

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक डिपार्टमेंट में काम करना होगा। 4 बजे से पहले डॉक्टर्स अपने-अपने डिपार्टमेंट से गायब नहीं हो सकेंगे। वही सुबह अटेंडेंस को लेकर भी कॉलेज प्रशासन ने सख्ती कर दी है। सुबह 8.30 बजे के बाद अगर डॉक्टर या स्टॉफ उपस्थित नहीं होता है तो उसका एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में मिले निर्देशों को लागू किया गया है। सभी का अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। अगर कोई लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज