क्वालीफाइंग स्पीच में अश्वनी कुमार अवस्थी ने खुद को स्टूडेंट्स का लीडर बताया और कहा कि अगर वे प्रेसिडेंट बनें तो स्टूडेंट्स को तीन फ्री सिलेंडर, 10 हजार रुपए स्कॉलरशिप, 25 हजार रुपए मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप सहित कई सारी सुविधाएं दिलवाएंगे। जिसमें स्टूडेंट्स के लिए विशेष रूप से से हॉस्पिटल की व्यवस्था होगी।  

दुर्गेश कुमार सिंह ने स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में हो रहे धनबल और बाहुबल का तगड़ा विरोध किया और स्टूडेंट्स से अपील की कि यदि ऐसे नेता चुनाव जीतकर आए तो नए स्टूडेंट यूनियन का भी हाल पुराने यूनियन की तरह होगा। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण और जातिवाद के नाम पर छात्रों को बांटने वाले नेता का भी विरोध किया.   

मधुकर मिश्रा ने कहा कि आज ऐसे लोग भी चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने टीचर्स और इम्प्लाईज के साथ इसी कैम्पस में अभद्रता की है। उन्होंने कहा कि जो टीचर्स का सम्मान नहीं कर पाए वे स्टूडेंट्स के लिए क्या करेंगे। मधुकर ने वाइस चांसलर पर भी कटाक्ष किया और उन्हें अब तक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सुझावों को अमल में न लाने पर घेरा।

रघुनंदन सिंह ने नीचे खड़ी भीड़ को क्रान्तिकारी सलाम पेश करते हुए कहा कि हम सब को मिलकर एक मुकम्मल लड़ाई लडऩे की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि छात्रसंघ का मंच धंधेबाजों का मंच न होकर सच्चे छात्रनेताओं का मंच हो। उन्होंने कमीशन की परीक्षाओं में सीसैट के लागू होने के बाद हिन्दी पट्टी के छात्रों के साथ हो रहे दुव्र्यवहार का भी मसला उठाया।

राणा यशवंत प्रताप सिंह ने कहा कि मैं यहां माला पहनकर नहीं आया हूं। यह केवल इसलिए कि आप मुझे जीत के बाद माला पहनाएंगे। उन्होंने स्टूडेंट्स से अपील करके कहा कि आज मूल्यांकन का समय है। इसलिए इस मौके को जाने मत दीजिए और सोच समझकर अपना नेता चुनिए। उन्होंने नरेन्द्र मोदी का आह्वान करते हुए उन्हीं की तर्ज पर विकासशील नेता को चुनने की सलाह दी।

रोशनी यादव ने कैम्पस में छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं का मसला उठाया और कहा कि जिनकी कोई विचारधारा नहीं है वो आपकी भावनाओं का केवल शोषण कर रहे हैं, मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने सभी से कहा कि यदि वे जीतकर आईं तो अपना सभी वादा पूरा करेंगी। रोशनी ने दुष्यंत कुमार की पंक्तियां सुनाईं और खुद को छोटी बहन बताते हुए जिताने की अपील की।

शेष नारायण ओझा ने पुराने छात्रनेताओं को याद करते हुए छात्रसंघ चुनाव को बौद्धिकता का चुनाव बताया और कहा कि यदि मैं प्रेसिडेंट बना तो आफिसर्स और स्टूडेंट्स के बीच की संवादहीनता को खत्म करूंगा। उन्होंने स्टूडेंट्स को खेल सुविधाओं की बहाली, इलाहाबाद में सीएसआईआर का सेंटर बनवाने, वाई फाई कैम्पस, हॉस्टल्स में सुधार सहित कई सारे वायदे किए।

दिलीप कुमार यादव ने कहा कि यदि सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। उन्होंने शहीद लाल पद्मधर को इंकलाबी सलाम करते हुए कहा कि वे जो भी वायदा कर रहे हैं, अगर जीते तो उसका अक्षरश: पालन करेंगे। उन्होंने क्लासेस में गंदगी, क्लासेस न चलने, महिला छात्रावास में सुरक्षा, छात्राओं की सुरक्षा आदि पर जोर दिया और अभी तक के लिए छात्रों के सपोर्ट को धन्यवाद दिया।