- बढ़ते मरीजों को देखकर स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर

- तीन नए हॉस्पिटल रेडी, भर्ती किए जाएंगे मरीज

डिस्ट्रिक्ट में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए इलाज की व्यवस्था की जा रही है। अगर बड़ी संख्या में मरीज आए तो उन्हें दूसरे कोविड केयर सेंटर्स में भर्ती कराया जाएगा। वर्तमान में तीन सेंटर रेडी हो चुके हैं और यहां नए मरीजों को कभी भी एडमिट किया जा सकता है। इसके अलावा मंडल के तीनो जिलों में एल वन हॉस्पिटल तैयार होने के बाद वहां कोरोना के मरीजों को भर्ती करने व्यवस्था कर ली गई है।

यहां भर्ती किए जाएंगे मरीज

- बिना लक्षण वालों के लिए कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। जिनमे कोटवा भी शामिल है। इसे एलवन हॉस्पिटल कहा जाता है।

- सामान्य लक्षण वाले मरीजों के लिए एल टू हॉस्पिटल है। इसके लिए बेली हॉस्पिटल बनाया गया है। यह 200 बेड का है।

- गंभीर मरीजों के लिए एसआरएन हॉस्पिटल बनाया गया है। इसे एल थ्री हॉस्पिटल कहा जाता है।

- कम या बिना लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए तीन नए सेंटर बनकर तैयार हैं।

फाफामऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री होम्योपैथिक हॉस्पिटल, नैनी का ईएसआई हॉस्पिटल और रेलवे हॉस्पिटल शामिल हैं। यह क्रमश 30, 50 और 100 बेड के हैं।

हिम्मतगंज स्थित यूनानी मेडिकल कॉलेज भी सौ बेड का है और इसे ए सिम्प्टोमैटिक मरीजों के लिए तैयार किया गया है।

अपने जिलों में रहेंगे मरीज

कोटवा हॉस्पिटल में इस समय 31 मरीज भर्ती हैं। इनमें से छह मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अगर वह निगेटिव आए तो मरीजों की स ंख्या घट जाएगी। यहां पर मंडल के फतेहपुर, कौशांबी और प्रतापगढ़ के मरीज भी भर्ती किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी जिलों में कोरोना एल वन हॉस्पिटल बनकर तैयार हैं और मरीजों को वही रखा जाएगा। मतलब प्रयागराज में केवल गंभीर मरीज ही रेफर होंगे। बाकी हल्के लक्षण वाले मरीज अपने जिलों में ही भर्ती किए जाने हैं। कोटवा हॉस्पिटल भी 60 बेड का है।

तीन कैटेगरी में डिवाइड हैं मरीज

1- ए सिम्पोटोमेटिक- बिना लक्षण वाले मरीज

2- सिमप्टोमैटिक- लक्षण वाले मरीज

3. सीवियर- गंभीर मरीज

हमारे पास नए कोविड केयर सेंटर बनकर तैयार हैं। मरीज बढ़े तो यहां पर उन्हें एडमिट किया जाएगा। तीन हॉस्पिटल पूरी तरह से रेडी हैं।

डा। वीके मिश्रा, नोडल कोटवा सीएचसी