- अयोध्या मामले पर सपा प्रमुख मुलायम बोले का बयान

-देश की एकता के लिए पुलिस को चलानी पड़ी थीं गोलियां

LUCKNOW: अयोध्या में गोली चलाने का विरोध मुझे संसद तक में करना पड़ा लेकिन मैंने जो सही समझा किया, 16 की जगह और 30 जानें भी जाती तो हर्ज नहीं था। देश की एकता बचाने के लिए जो जरूरी था, वह मैंने किया। यह कहना है सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का। मुलायम सिंह शनिवार को गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में खुद पर लिखी गयी एक किताब के विमोचन के बाद बोल रहे थे।

मुसलमानों का देश से उठ जाता भरोसा

सपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर मैं अयोध्या में कार्रवाई ना करता तो मुसलमानों का देश से भरोसा उठ जाता। कारसेवकों पर गोली चलवाने के बाद मेरी आलोचना हुई। मुझे मानवता का हत्यारा कहा गया था। मुलायम का यह बयान उस वक्त आया है जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव में छह महीने से भी कम समय बचा है। बता दें कि पिछले साल मुलायम सिंह ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाने पर अफसोस जाहिर किया था और उस घटना को सरकार की मजबूरी बताया था।

'आज भी अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ'

मुलायम ने कहा कि वह हमेशा से अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता के विरोधी रहे हैं। इसीलिए अंग्रेजी हटाओ का नारा दिया। विकास की सुस्त रफ्तार पर कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी, पत्थर व लकड़ी है, फिर भी हम लोग विकास में पीछे हैं। मुलायम ने समाजवादी विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अन्याय का विरोध करना, एकता व भाईचारे के लिए काम करना, भेदभाव मिटाना ही समाजवादी की पहचान है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नहीं पता कि समाजवाद क्या है? जहां अन्याय हो वहां न्याय के लिए लड़ाई ही समाजवाद है।

कार्यक्रम में नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं पहुंचे। जबकि उन्हें बतौर मुख्य अतिथि इंवाइट किया गया था। वहीं मुलायम सिंह को इस कार्यक्रम में साढ़े 11 बजे पहुंचना था। लेकिन वह डेढ़ घंटा लेट कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में हिंदी संस्थान के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह और फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष गोपालदास नीरज समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।