- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर के कई इलाकों में प्रोविजन स्टोर का रियलिटी चेक किया

- चौक, शारदानगर, निशातगंज में अधिक रेट पर बेचा जा रहा सामान

- लालकुआं और इंदिरानगर में रेट टू रेट मिली खाद्य सामग्री

LUCKNOW : शासन-प्रशासन भले ही दावा कर रहा हो कि प्रोविजन स्टोर्स पर जनता को रेट टू रेट सामान मिल रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि ज्यादातर दुकानों में निर्धारित से अधिक दामों पर आटा, दाल इत्यादि की बिक्री की जा रही है। जब जनता सवाल उठा रही है तो दुकानदारों की ओर से स्पष्ट कहा जा रहा है कि जब हमें ही ऊपर से सामान महंगा मिल रहा है तो हम सस्ता कैसे बेच सकते हैं। हालांकि कई दुकानदार रेट टू रेट सामान की बिक्री भी करते मिले। यह तस्वीर सामने आई दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम की ओर से अलग-अलग एरिया में किए गए प्रोविजन स्टोर्स के रियलिटी चेक में। रिपोर्ट कुछ इस प्रकार रही।

फोटो पंकज फोल्डर में

तय दरों पर ही बिकती मिली खाद्य सामग्री

दैनिक जागरण आईनेक्सट की टीम लालकुआं स्थित हरिमोहन किराना स्टोर पहुंची। यहां जिला प्रशासन द्वारा जारी रेट लिस्ट तो चस्पा नहीं थी, लेकिन तमाम सामान रेट लिस्ट के मुताबिक या उससे भी एक-दो रुपये प्रति किलो कम पर ही बेचे जा रहे थे। दुकान में अरहर दाल 89 रुपये प्रति किलो, चना दाल 60 रुपये प्रति किलो, मूंग दाल 98 रुपये प्रति किलो, आटा 28 रुपये प्रति किलो व मोटा चावल 26 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा था। मसाले के दाम भी रेट लिस्ट के मुताबिक या उससे कम रेट पर उपलब्ध थे। दुकान के प्रोपराइटर हरिमोहन गुप्ता ने बताया कि वे जनता कफ्यू के बाद से लगातार इसी रेट पर सामान बेच रहे हैं। हालांकि होल सेल दुकानों से पहले सामान मिलने में दिक्कत आ रही थी। सबसे ज्यादा समस्या आटा की सप्लाई को लेकर थी, लेकिन अब सप्लाई भी ठीक हो गई है। दुकान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता भी नजर आया।

महंगा मिल रहा तो महंगा बेचना पड़ेगा

फोटो नंबर एक। दुकान के साथ.साथ व्हाट्सअप मोबाइल का स्क्त्रीन शॉट भी लगाएद्ध

स्थान- निशातगंज मार्केट

दुकान का नाम- वासुदेव प्रोविजन स्टोर

रिपोर्टर- आटे का क्या रेट है।

दुकानदार - 30 रुपये किलो

रिपोर्टर - अरहर की दाल क्या रेट है।

दुकानदार- 100 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो

रिपोर्टर- पिसी मिर्ची का क्या रेट है

दुकानदार- 80 रुपये का 250 ग्राम

रिपोर्टर- मूंग दाल का क्या रेट है।

दुकानदार- 200 रुपये किलो

रिपोर्टर- आप सरकारी रेट से ज्यादा रेट पर सामान क्यों बेच रहे हैं।

दुकानदार- हम लोग मार्केट से अधिक रेट पर सामान खरीद कर ला रहे हैं। किराया व दो पैसे मुनाफे के लिए कुछ पैसा तो बढ़ाना पड़ेगा।

रिपोर्टर- सरकारी विभाग ने फुटकर का रेट तय किया है।

दुकानदार- थोक दुकानदार कम का बिल देकर ज्यादा पैसा वसूल रहे हैं, जिसके चलते रेट में अंतर आ रहा है।

रिपोर्टर- क्या आपने किसी से कंप्लेंट की।

दुकानदार- इस मामले की शिकायत भी एडीएम आपूर्ति के वाट्सअप नंबर पर की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

फोटो नंबर दो।

मार्केट रेट पर ही बेच रहे हैंण्ण्ण्

स्थान- उदयगंज मार्केट

दुकान का नाम- रामजी जनरल स्टोर

रिपोर्टर- आटा क्या रेट है

दुकानदार- फुटकर में 30 रुपये किलो और बोरी 1420 रुपये की

रिपोर्टर। अरहर दाल के क्या रेट है

दुकानदार। 100 रुपये से 120 रुपये किलो, हल्की दाल 80 रुपये किलो है

रिपोर्टर- सरसों का तेल एक लीटर कितने का है।

दुकानदार- अलग-अलग ब्रांड हैं। सबसे सस्ता वाले की 115 रुपये की बोतल है।

रिपोर्टर- आप सरकारी रेट से ज्यादा रेट पर सामान क्यों बेच रहे है।

दुकानदार- सरकारी रेट क्या है, जो भाव मार्केट में चल रहा है, उसी रेट पर बेच रहे हैं।

रियलिटी चेक.फोटो

मैगी-बिस्कुट की शार्टेज, रेट टू रेट मिली चीनी

स्थान- इंदिरानगर

दुकान का नाम- मोहन जनरल स्टोर

रियलिटी चेक की तस्वीर

रिपोर्टर- भाईसाहब, मुझे मैगी के दो पैकेट चाहिए, मिलेंगे

दुकानदार- मैगी नहीं मिल पाएगी, शार्टेज चल रही है।

रिपोर्टर- 5 किलो का पैकेट बंद आटा मिल जाएगा।

दुकानदार- 5 किलो की शार्टेज है। 10 किलो ले सकते हैं या फिर खुला आटा लें

रिपोर्टर- 10 किलो पैकेट बंद आटे और खुले आटे के क्या रेट है।

दुकानदार- 10 किलो आशीर्वाद आटे की प्रिंटिंग 375 रुपये है। आपको 370 रुपये में पड़ जाएगा। वहीं खुला आटा 30 से 34 रुपये किलो है।

रिपोर्टर- खुला आटा कुछ महंगा है क्या

दुकानदार- आटा मिल बंद होने से 2 से 3 रुपये रेट बढ़े हैं। आप कहीं भी पता कर सकते हैं।

रिपोर्टर- वैसे शक्कर कितने में दे रहे हैं आप।

दुकानदार- मार्केट रेट के हिसाब से 40.41 रुपये में

रिपोर्टर- इस समय सबसे ज्यादा शार्टेज किस आइटम की है।

दुकानदार- मैगी तो बिल्कुल भी नहीं मिल रही, रस्क का भी यही हाल है। बिस्कुट भी आसानी से नहीं मिल रहे

सभी सामान महंगा है, लेना है तो लो

स्थान- बंगला बाजार

दुकान का नाम - किराना स्टोर

रिपोर्टर। आटा क्या रेट है

दुकानदार- खुला नहीं है, पैकेट में मिलेगा।

रिपोर्टर- अरहर की दाल का क्या रेट है

दुकानदार- 100 रुपये प्रति किलो

रिपोर्टर- चावल का क्या रेट है।

दुकानदार - 40 रुपये किलो वाला है।

रिपोर्टर- चना दाल क्या रेट है।

दुकानदार- 80 रुपये किलो मिलेगी। कुछ खरीदेंगे भी या केवल दाम ही पूछेंगे।

रिपोर्टर- कैसे लें, इतना महंगा जो दे रहे हो जबकि सरकार ने दाम तय कर दिये हैं

दुकानदार- इसी रेट पर मिलेगा। सभी सामान महंगा है।

रिपोर्टर । सामान नहीं आ रहा है क्या।

दुकानदार । ऊपर से ही ज्यादा माल नहीं आ रहा। ऐसे में कुछ नहीं कर सकते हैं।

फोटो 2 ।

सस्ते में माल कैसे बेच सकते हैं

स्थान- शारदानगर

दुकान का नाम - गुप्ता जनरल स्टोर

रिपोर्टर- आटा क्या रेट है

दुकानदार- पैकेट वाला आटा है, कौन सा दे दूं।

रिपोर्टर- अरहर की दाल का क्या रेट है।

दुकानदार- 100 रुपये प्रति किलो से शुरू है।

रिपोर्टर- सरसो का तेल मिल जाएगा।

दुकानदार - कंपनी के अनुसार 110 रुपये से शुरू है।

रिपोर्टर- राजमा कैसे दिया है।

दुकानदार- 100 रुपये किलो है।

रिपोर्टर- भईया दाम इतना महंगा क्यों है

दुकानदार- सर, जब माल ही कम आयेगा तो सस्ते दाम पर कैसे देंगे। लॉकडाउन की वजह से समस्या है।

सामान तो महंगा ही मिलेगा

स्थान- चौक बान वाली गली के निकट

समय- 1.30 बजे

रिपोर्टर- आटे का क्या हिसाब है

दुकानदार। 35 रुपए किलो

रिपोर्टर- मैगी का दस वाले पांच पैकेट भी दे देना

दुकानदार- 12 रुपए का एक पैकेट मिलेगा।

रिपोर्टर- तेल का पैकेट भी चाहिए।

दुकानदार- तेल का पैकेट है तो 117 का, लेकिन मिलेगा 130 में।

रिपोर्टर- पिसी धनिया, पिसा मिर्चा और पिसा गरम मसाला भी एक-एक पैकेट चाहिए।

दुकानदार- सभी का प्रिंट रेट से पांच रुपए अधिक देना होगा।

रिपोर्टर- ऐसा क्यों, सब कुछ महंगा बेच रहे हो जबकि प्रशासन ने रेट तय कर रखें हैं और रेट लिस्ट लगाने को कहा है।

दुकानदार- कहीं भी रेट लिस्ट लगी हो तो दिखा दीजिए। कोई लगाएगा भी नहीं। जितना दाम रेट लिस्ट में दिया गया है, उतने की खरीद नहीं पड़ रही। हम क्या करें।

रिपोर्टर- दाल भी महंगी दे रहे हो।

दुकानदार- बिल्कुल, सभी पर दाम बढ़ गए हैं। खरीद नहीं पड़ रही तो क्या करें।

रिपोर्टर- ठीक हैं मुझे नहीं लेना। इतना महंगा सामान। हर चीज में बढ़ा कर वसूली कर रहे हो।

दुकानदार- माफ कीजिएगा, आप कहीं और खरीदारी कर लीजिएगा। दुकान पर भीड़ मत बढ़ाएं।