- आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों पर अब फर्जी रिपोर्ट नहीं लगा सकेंगे अफसर, लापरवाही पर कटेगी सैलरी

-देना होगा स्थलीय रिपोर्ट, मामला कोर्ट में है लम्बित तो उसकी देनी होगी पूरी जानकारी

VARANASI

समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन (1076) पर पब्लिक की ओेर से दर्ज कराई जाने वाली शिकायतों के निस्तारण में अब अफसर फर्जी रिपोर्ट नहीं लगा पाएंगे। अब उन्हें आईजीआरएस पर स्थलीय रिपोर्ट, निस्तारण में आने वाली अड़चन और यदि कोई मामला कोर्ट में लंबित है तो उसमें कोर्ट केस का नम्बर देना होगा। इससे री-कम्प्लेंट और डिफाल्टर शिकायतों में कमी आएगी। पब्लिक की शिकायतों का भी समय से निस्तारण हो सकेगा। इसके बाद भी अगर किसी शिकायत के निस्तारण में लापरवाही मिली तो संबंधित अफसर के खिलाफ सैलरी काटने व प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्यवाही की जाएगी। जबकि अभी तक ऐसा करने पर सिर्फ शोकाज नोटिस जारी की जाती थी।

क्यों हुई नइर् व्यवस्था?

दरअसल, आईजीआरएस (जनसुनवाई पोर्टल) पर पिछले कई महीनों में ऐसे मामले देखने में आए। जिसमें प्रॉब्लम सॉल्व किए बगैर सम्बंधित विभाग के अफसरों ने 'समस्या निस्तारित की दी गई' की रिपोर्ट लगा दी, लेकिन शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हुआ, या फिर उसने री-कम्प्लेंट कर दी। इसके अलावा वह शिकायत समय से निस्तारण न होने से डिफाल्टर की श्रेणी में चली गई। इसी को देखते हुए शासन ने यह नई व्यवस्था शुरू की है।

'ईडीएम' को दिया प्रशिक्षण

शासन की सभी ऑनलाइन सर्विस को सुचारु रूप से चलाने के लिए डिस्ट्रिक्ट में ई-गवर्नेस सेल बनाया गया है। वहीं, तमाम विभागों ने भी अपने स्तर पर ई-सेल बनाया है। जिससे पब्लिक को ऑनलाइन सर्विसेज सही तरीके से मिलें, लेकिन इनकी मॉनीटरिंग का जिम्मा ई-गवर्नेस सेल के पास है। यह सेल जिले में आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों की भी मॉनीटरिंग करता है। नई व्यवस्था शुरू करने के लिए पिछले दिनों लखनऊ में सेंटर फार ई-गवर्नेस में आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के विशेष सचिव राकेश वर्मा ने यूपी के सभी ई-गवर्नेस सेल के ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर्स (ईडीएम) को ट्रेनिंग दी।

वॉयस टाइपिंग की भ्ाी सुविधा

इसके साथ ही आईजीआरएस पर रिपोर्ट को लिखने के साथ ही वायस टाइपिंग की भी सुविधा शुरू की गई है। शिकायत निस्तारित करते समय विभागीय अफसर अब बोलकर पोर्टल पर लिख सकेंगे। यानी वायस टाइपिंग से उनका समय बचेगा।

क्या हैं डिफाल्टर िशकायतें?

आईजीआरएस पर शिकायत के निस्तारण का निर्धारित मिनिमम समय 7 दिन है। इस अवधि में शिकायत निस्तारित न होने पर वह स्वत: डिफाल्टर की श्रेणी में चली जाती है। करीब दो महीने पहले डिफाल्टर शिकायतों की बढ़ती संख्या पर डीएम ने कई विभागों को कार्यशैली में सुधार लाने की चेतावनी दी थी।

समाधान न होने पर 'सी' श्रेणी

किसी विभाग में यदि पब्लिक की समस्या दूर नहीं होती है। या फिर उसके निस्तारण में अफसर गलत रिपोर्ट लगाते हैं तो उसे ई-गवर्नेस सेल 'सी' श्रेणी में डाल देता है। इसके लिए लखनऊ स्थित आईजीआरएस कंट्रोल रूम से शिकायतकर्ता से फोन कर पूछा जाता है। अगर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है। या फिर री-कम्प्लेंट होती है तो वह भी 'सी' श्रेणी में चली जाती है।

एक नजर

- 200 से 250 शिकायतें आईजीआरएस पर आती हैं डेली

- 7 से 15 दिन में निस्तारित होनी चाहिए शिकायतें

आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन पर अब गलत रिपोर्ट देने की व्यवस्था खत्म होगी। नई व्यवस्था में विभागों की जवाबदेही और बढ़ जाएगी। इसकी प्रॉपर मॉनीटरिंग शुरू हो गई है।

प्रसून अग्रवाल, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर