देश के टाप एजूकेशनल इंस्टीट़यूशंस में सुसाइड्स का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आईआईटी कानपुर के एक स्टूडेन्ट ने हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है. स्टूडेन्ट का नाम मेहताब अहमद है.
मेहताब मैटीरिअल्स साइंस ऐण्ड इजीनियरिंग के फर्स्ट इयर के स्टूडेंट थे. 19 साल के मेहताब एक स्कालर स्टूडेंट थे और स्कूल में अव्वल स्टूडेंट्स में शुमार किये जाते थे. सुसाइड के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है. पुलिस और आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन मौके पर पहुंच गया है.
IIT Kanpur में हुए सुसाइड
17 नवंबर 2010 - सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच से बीटेक कर रही फाइनल ईयर स्टूडेंट माधुरी साले ने हॉस्टल रूम फांसी लगाई.
3 जनवरी 2009 - एमटेक सेकेंड इयर स्टूडेंट जी सुमन ने अपने रूम में फांसी लगाकर सुसाइड किया.
30 मई 2008- बीएसबीई ब्रांच से बीटेक कर रही फाइनल इयर स्टूडेंट टोया चटर्जी ने फांसी लगाकर जान दी.
18 अप्रैल 2008- इलेक्ट्रिकल ब्रांच से बीटेक कर रहे फस्र्ट इयर स्टूडेंट प्रशांत कुमार ने रूम में फांसी लगाई.
26 अप्रैल 2007- सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच से बीटेक कर रहे थर्ड इयर स्टूडेंट जे भारद्वाज ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दी.
6 नवबंर 2006- केमिस्ट्री ब्रांच से पीएचडी करने वाले अभिलाष जीजे ने केमिकल पीकर सुसाइड किया. सुसाइड नोट भी छोड़ा.
3 मई, 2006- केमिकल ब्रांच से बीटेक एमटेक डुअल डिग्र्री करने वाले शैलेश शर्मा ने रूम में फांसी लगाई
30 नवंबर, 2005-मैकेनिकल ब्रांच से बीटेक करने वाले स्वप्निल चंद्र धरास्कर ने फैकल्टी बिल्डिंग से कूदकर सुसाइड किया.
(नोट- यह डिटेल आईआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने लास्ट ईयर 21 दिसंबर को लेटर नंबर: संस्था / पीआईओ 156-2010/ आईआईटीके/1071 में दी है.
महताब की कुछ तस्वीरें
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