- शिकायत के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने की कार्रवाई, कोई डॉक्युमेंट नहीं दिखा सके जिम्मेदार

GORAKHPUR: जिले में झोलाछापों की मनमानी है थमने का नाम नहीं ले रही। काफी शिकायतों के बाद संजीदा हुए स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को भगत चौराहा स्थित मेडिकल स्टोर की जांच की। इसके अगले हिस्से में मेडिकल स्टोर था, जबकि पिछले हिस्से में क्लीनिक चलाया जा रहा था। टीम को इसके सबूत भी मिले। वहां एक मरीज मिला लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था। मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले कर्मचारी ने टीम को बताया कि यहां डॉ। एसके शुक्ल मरीज देखते हैं। साथ ही मां विंध्यवासिनी पॉलीक्लीनिक में भी वह मरीज देखने के लिए पहुंचते हैं। यहां मेडिकल स्टोर से संबंधित भी कोई लाइसेंस नहीं मिला। टीम विंध्यवासिनी क्लीनिक पर पहुंची तो क्लीनिक बंद मिला। यहां कार्यरत कर्मचारी ने क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी की ओर से जारी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पेश किया लेकिन वह मेडिकल स्टोर से जुड़े कोई भी कागजात पेश करने में कामयाब नहीं हुए। इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए टीम ने डॉ। एसके शुक्ल को सभी डॉक्युमेंट्स के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएमओ की ओर से औषधि निरीक्षक और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी को उचित कार्रवाई के लिए लेटर भेजा जा रहा है।