- एनएच-28 पर गोरखपुर बाईपास के दोनों तरफ बनाए जा रहे अवैध कट, नोटिस के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

- इन रास्तों की आड़ में जमीनों की हो रही प्लॉटिंग, सड़क दुर्घटना की भी बन सकत वजह

GORAKHPUR: गोरखपुर से टच होते एनएच-28 पर मनमानी का खुला खेल चल रहा है. हाईवे के गोरखपुर बाईपास के दोनों तरफ 32 किलोमीटर तक नियम विरुद्ध 55 स्थानों पर अवैध कट बना दिए गए हैं. जिनकी आड़ में यहां धड़ल्ले से जमीनों की आवासीय व कॉमर्शियल प्लॉटिंग की जा रही है. इसके चलते न केवल निवेश करने वालों केठगे जाने की पूरी गुंजाइश है, बल्कि आगे चलकर बाईपास पर हादसों की संभावना बढ़ गई है. वहीं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार हैं कि सबकुछ जानते हुए भी खुद को सिर्फ कंट्रोल ऑफ नेशनल हाईवे एक्ट 2002 केअंतर्गत नोटिस तक स्वयं को सीमित रखे हुए हैं. इसी का नतीजा है कि खुलेआम मनमानी कर रहे ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हैं.

लैंड एंड ट्रैफिक एक्ट का हो रहा उल्लंघन

बता दें, नेशनल हाईवे 28 पर गोरखपुर बाईपास कालेसर से जगदीशपुर कोनी तक 32 किलोमीटर तक फैला हुआ है. इस 32 किमी में सड़क के दोनों तरफ तकरीबन 55 स्थानों पर अवैध ढंग से रास्ते बना लिए गए हैं. जबकि द कंट्रोल ऑफ नेशनल हाइवे 'लैंड एंड ट्रैफिक' एक्ट 2002 केनियमों का यह सरासर उल्लंघन है. एनएच पर गुजरने वाले लोगों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर बिना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अनुमति के बगैर ऐसे रास्ते नहीं बनाए जा सकते हैं. आगे चलकर इन रास्तों से आवागमन होने पर दुर्घटना की आशंकाएं बढ़ चुकी हैं. लेकिन मनमानी का आलम यह है कि लोगों ने बाईपास पर लगाए गए लोहे केबैरियर को भी काट कर रास्ता बना लिया है. लेकिन न तो एनएचएआई आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रही है और न ही गोरखपुर बाईपास का रखरखाव करने वाली कंपनी जीआईसीएल किसी प्रकार की कोई खोज खबर ले रही है.

45 लोगों को नोटिस, कार्रवाई एक भी नहीं

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से मिली जानकारी केमुताबिक एनएच 28 की जमीन में अतिक्रमण करने वाले 45 लोगों को रखरखाव देखने वाली कंपनी जीआईसीएल केजरिए कंट्रोल ऑफ नेशनल हाईवे एक्ट 2002 की धारा 26-2 केअंतर्गत नोटिस भेजा है. हालांकि इस नोटिस की अवधि फरवरी में ही खत्म हो गई लेकिन स्थिति यथावत है. कार्रवाई के सवाल पर प्राधिकरण कर्मचारियों के अभाव और आचार संहिता का हवाला ही देता रहा है.

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बाईपास से सीधे जुड़ाव दिखा बेच रहे प्लॉट

गोरखपुर बाईपास से जुड़े सदर तहसील के क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मनमाने ढंग से रास्ते बनाए गए हैं. सीधे बाईपास से इन रास्तों को बिल्डरों ने अपनी कॉलोनियों से जोड़ दिया है. न केवल इन रास्तों का आवागमन में इस्तेमाल कर रहे बल्कि इन रास्तों को दिखा कर ही अपनी प्रॉपर्टी की बिक्री भी कर रहे हैं. माड़ापार, रामनगर कड़जहां, कालेसर, बाघागाड़ा, चौरी, नोनिया टोला, मल्लाह टोला समेत 12 से ज्यादा गांवों केपास कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्लॉटिंग की जा रही है. कुछ तो बाकायदा प्लॉटिंग के लिए बोर्ड लगवाने केसाथ न्यूजपेपर में बड़े-बड़े विज्ञापन जारी कर प्लॉट की बिक्री कर रहे हैं.

अवैध कट होने से बढ़ जाते हैं सड़क हादसे

- हाईवे पर हल्के व भारी वाहनों की रफ्तार तेजी होती है.

- तेज रफ्तार से आने वाली गाडि़यों के चलते सड़क दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है.

- रात के वक्त डिपर के इस्तेमाल के बाद भी रोड एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ जाती हैं.

- कई बड़े शहरों में इस तरह के अवैध कट से घटनाएं बढ़ चुकी हैं, जो प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुका है.

- नेशनल हाईवे के नियमों के विरुद्ध जगह-जगह बीच में अवैध कट बनाया जाना नियमों की अनदेखी करना है.

- दूर सफर तय कर आने वाले लोगों को यू-टर्न में दिक्कत होती है.

- हाईवे किनारे कहीं भी कॉलोनी को डेवलप नहीं किया जा सकता है और आवागमन के लिए बिना परमिशन के रास्ता नहीं बनाया जा सकता है.

वर्जन

नेशनल हाईवे की अनुमति के बगैर सीधे रास्ता जोड़ना अतिक्रमण की श्रेणी में आता है. अनुमति की प्रक्रिया कठिन और काफी शर्तो के अधीन है. लोगों की सुविधा के लिए अंडरपास बनाए गए हैं. ऐसे अतिक्रमण पर कार्रवाई होती है. फिलहाल बाईपास पर 45 लोगों को नोटिस भेजा गया है जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

- गौतम कुमार राव, मैनेजर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण गोरखपुर