- विधानसभा चुनाव से पहले अवैध होर्डिग्स से पटने लगा है शहर

- पॉलिटिकल पार्टियां बगैर परमिशन जहां-तहां लगा रहीं होर्डिग्स

- कई संस्थान भी इसमें आगे, निगम को लगा रहे लाखों का चूना

PATNA: पटना नगर निगम शहर में होर्डिग लगाने के लिए एडवर्टिजमेंट एजेंसियों को हायर किए हुए है, जो बाकायदा निगम के साथ निबंधन करा शहर में होर्डिग लगाते हैं। इसे लेकर निगम ने शहर में लगभग 1500 होर्डिग को वैध तरीके से लगाने का परमिशन दिया है, लेकिन शहर जिस तरह से होर्डिग से पटा है, उससे यह अंदाजा लगाना गलत नहीं होगा कि अवैध होर्डिग्स की संख्या हजारों में है। पर, विडंबना की बात तो यह है कि नगर निगम ने आज तक ऐसी अवैध होर्डिग की काउंटिंग ही नहीं करायी है, जिससे पता चल पाये कि आखिर शहर में कितने वैध और अवैध होर्डिग है।

निगम नहीं करा पाया है काउंटिंग

पटना नगर निगम का आलम यह है कि अभी तक शहर में कितनी अवैध होर्डिग है, उसकी जानकारी तक नहीं है। नगर आयुक्त ने बताया कि अवैध होर्डिग के काउंटिंग का काम नहीं हो पाया है, लेकिन इसे लेकर जल्द ही काम किया जाएगा। उन्होंने ऐड एजेंसियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये ऐसी कंपनियां हैं, जो सेल्फ डिक्लेरेशन तक नहीं देती। इससे इनके वैध होर्डिग के बारे में भी पता नहीं चल पा रहा है। एजेंसी निगम के साथ लगातार टच में नहीं रहती है। ये निगम के सवालों के जवाब तक नहीं देती है। ऐसे में कंपनी के साथ कार्डिनेशन बनाए रखने में या जानकारी हासिल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

एजेंसियों के पास 30 करोड़ बकाया

पटना के प्राइवेट 69 ऐड एजेंसियों के पास पटना नगर निगम के 30 करोड़ रुपए बकाये के रूप में है, लेकिन अभी तक इन एजेंसियों ने निगम को एक रुपया भी नहीं दिया है। हालांकि इसे लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है और इस बीच कोर्ट द्वारा जबतक मामले की सुनवाई नहीं होती है तब तक निगम को पैसों की मांग नहीं करने का निर्देश भी दिया गया है। निगम ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई दो सितंबर के बाद होगी।

कोई भी पार्टी पाक-साफ नहीं

बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर पॉलिटिकल पार्टियों का होर्डिग वार साफ देखा जा सकता है। पटना में शायद ही ऐसा कोई इलाका हो, जहां पर बीजेपी, जदयू, राजद और अन्य पार्टियों के होर्डिग देखी नहीं जा सकती। इन सभी पार्टियों के होर्डिग लगाने का परमिशन ऐड एजेंसी द्वारा लिया गया है और इसे लगाया भी जा रहा है। इसके बावजूद ये पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा हजारों की संख्या में हर गली, चौक-चौराहों पर अवैध होर्डिग लगाए जा रहे हैं।

आखिर ये अवैध होर्डिग लगा कौन रहा?

शहर में जिस तरह से अवैध होर्डिग लगाये जा रहे हैं, उसे आखिर लगा कौन रहा है यह बड़ा सवाल सामने हैं, लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर ना प्रशासन ने कोई कदम उठाया है और ना ही पीएमसी ने। हालांकि ये अवैध होर्डिग लगाने वाले कौन हैं, इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।

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अवैध और वैध में अंतर

वैध होर्डिग को पहचानना आसान है, क्योंकि हर वैध होर्डिग के नीचे उसकी विज्ञापन संख्या, उसका साइज और एजेंसी की स्वीकृति लिखा होता है, जबकि अवैध होर्डिग में ऐसा कुछ नहीं होता।

निगम कर रहा है खानापूर्ति

पटना प्रशासन चुनाव से पहले एक विशेष ड्राइव चलाकर अवैध होर्डिग पर नकेल कसने की कवायद तेज कर दी है। वैसे होर्डिग को हटाया जा रहा है जो गलियों में, खंभों में और दीवारों में लगाये गए हैं। ये सारे वैसे विज्ञापन हैं, जो पूरी तरह से अवैध रूप से लगाए जाते हैं, लेकिन इस बीच निगम वैसे बड़े अवैध होर्डिग को हटाने से पीछे हटता रहा है।

Highlights

इन एरिया में अवैध होर्डिग

- बोरिंग रोड

- डाकबंगला चौराहा

- बेली रोड

- इनकम टैक्स गोलंबर

- गांधी मैदान के समीप

- कंकड़बाग

- वीर कुंवर सिंह मार्ग

- राजापुर पुल

- जय प्रकाश नगर

- मीठापुर

अवैध होर्डिग को लेकर अभी तक हमलोगों ने सर्वे नहीं किया है। इसे लेकर बैठक में निर्णय लिया जाएगा।

जय सिंह, नगर आयुक्त, पटना

ऐड एजेंसियों के बारे में हम कोई जानकारी नहीं दे सकते। इसकी जानकारी वेबसाइट पर है। ये कितने में होर्डिग लगाते हैं, इससे हमें कोई मतलब नहीं है।

-राजीव रंजन, अपर नगर आयुक्त

अवैध होर्डिग से इंकार नहीं किया जा सकता है। यह सब मिलीभगत के बिना हो पाना मुश्किल है।

-रूप नारायण, उप महापौर, नगर निगम