- पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन शराब तस्करों को दबोचा

- कार में गुप्त केबिन बनाकर छुपाई गई थी 30 पेटी शराब

देहरादून,

विकासनगर में डाकपत्थर बेरियर पर चे¨कग के दौरान पुलिस ने टाटा सफारी से 30 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरादम की है। जिसमें कार सवार हरियाणा के तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। कार में केबिन बनाकर उसमें शराब की बोतलें छिपाई गई थी। पकड़े गए माल की कीमत करीब दो लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ आबकारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर कार सीज कर दी है।

इन दिनों पंचायत चुनाव में शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस मुस्तैद है। मंगलवार को विकासनगर के डाकपत्थर बैराज बेरियर पर चौकी इंचार्ज शिशुपाल राणा मय पुलिस बल के वाहनों की चे¨कग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने एक टाटा सफारी को रोकने का इशारा किया लेकिन पुलिस को चकमा देकर कार सवार अंबाडी की तरफ भाग निकले। संदिग्ध प्रतीत होने पर चौकी प्रभारी डाकपत्थर ने अन्य पुलिस बल को सूचित करते हुए वाहन का पीछा किया गया तो डाकपत्थर बस अड्डे के समीप कार को रोक लिया गया। तलाशी के दौरान कार में डिग्गी के नीचे व बीच की सीट के नीचे बॉडी काटकर केबिन बनाया हुआ मिला। जिसमें 30 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। शराब हरियाणा से नैनबाग ले जायी जा रही थी। पुलिस ने कार सवार तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने अपनी पहचान ब¨लदर 25 पुत्र रणपाल निवासी ग्राम समालखा थाना लाडवा जिला कुरुक्षेत्र हरियाणा, विजय कुमार 23 पुत्र राजकुमार निवासी ग्राम कनी पल्ला थाना पीपली जिला कुरुक्षेत्र हरियाणा, दिनेश कुमार 22 पुत्र सुखदेव निवासी रायत खाना थाना इंद्री जिला करनाल हरियाणा के रूप में बतायी। कार बलिंदर चला रहा था। पुलिस ने तीनों के खिलाफ आबकारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया। उधर, कोतवाल प्रदीप बिष्ट के अनुसार आरोपितों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।

टीम की सतर्कता से मिली सफलता

विकासनगर: सोमवार को सहसपुर पुलिस ने एक लक्जरी कार से भारी मात्रा में शराब बरामद की थी, जिसको देखते हुए अब पुलिस वाहनों में बारीकी से छानबीन कर रही है। इसी का परिणाम रहा कि डाकपत्थर चौकी के प्रभारी शिशुपाल राणा, सिपाही आशीष राठी, सचिन कुमार, संदीप, पर¨मदर सिंह, पूरण जोशी ने मंगलवार को कार की सघन तलाशी कर सफलता पायी। अमूमन देखने में आता है कि पुलिस वाहन को रोक कर बाहर से ही अंदर झांक कर चे¨कग करती है और वाहन को जाने देती है। जिसका शराब तस्कर फायदा उठा लेते हैं और वाहन के नीचे बनाए केबिन के अंदर छिपायी गयी शराब की आसानी से तस्करी हो जाती है। लेकिन लक्जरी वाहनों में शराब की तस्करी के चलते पुलिस का फोकस अब बाहरी नंबर की लक्जरी गाडि़यों पर ज्यादा है।