-लगातार मिल रही शिकायतों के बाद दो रेंज, एक खनन दस्ता व हेडक्वार्टर की ज्वाइंट टीम को मिले सुराग

-अब खनन माफियों को रोकने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहेगी फॉरेस्ट की ज्वाइंट टीम

-संडे को फॉरेस्ट टीम की सूचना मिलते ही फरार हुए खनन माफिया

देहरादून,

प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद खनन माफिया दून की नदियों का सीना चीर कर बेखौफ खनन के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। माफिया सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायत के बाद संडे को दो फॉरेस्ट डिवीजनों की चार टीमों ने ज्वाइंटली चेक किया तो टीम की पैरों तले जमीन खिसक गई। यहां तक कि टेंपरेरी पुल तक का निर्माण खनन माफियाओं ने किया था। जिसके जरिए रात से लेकर अलसुबह तक घोड़े-खच्चरों के जरिए खनन का कारोबार किया जा रहा था।

16 अधिकारियों व कार्मिकों की टीम की तैयार

दून से सटी नदियों में खनन माफियाओं की ओर से लगातार हो रहे खनन के बीच संडे को मसूरी फॉरेस्ट डिविजन व देहरादून फॉरेस्ट डिविजन की ज्वाइंट टीम ने गुलरघाटी में स्थित सौंग नदी व गढ़ीकैंट में स्थित टौंस नदी का अचानक दौरा किया। टीम ने जब करीब से असलियत परखी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। गुलरघाटी में वन विभाग की टीम ने बांसवाड़ा, घोड़ाफैक्ट्री जैसे इलाकों का दौरा किया। जहां खनन माफियाओं ने न केवल नदियों का सीना चीर खनन को कारोबार फैलाया है। बल्कि घोड़े-खच्चरों से खनन सामग्री को गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए टेंपरेरी लकड़ी के पुलों का निर्माण तक करा लिया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे टेंपरेरी पुल तैयार करने में भी खनन माफियों को किसी बात का डर, भय नहीं रहा। जंगलों के बीच से खच्चरों व घोड़ों के बीच से खनन सामग्री सड़क तक पहुंचाने के बाद वहां मौजूद गाडि़यों के जरिए खनन सामग्री को दूसरे स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है।

खनन माफियाओं को सूचना तंत्र मजबूत

बताया जा रहा है कि खनन माफिया रात में रेत-बजरी छानने के साथ ही अल सुबह गंतव्य स्थानों तक खनन को पहुंचा दे रहे हैं। जिससे किसी तक इसकी भनक न लगे। फॉरेस्ट टीम पहुंची तो तैयार किया टेंपरेरी पुल झाडि़यों में छिपा मिला। जिसको ध्वस्त कर दिया गया। टीम ने जंगल एरियाज में कई रूट ढूंढ निकाले हैं। अब फॉरेस्ट की टीम को चौबीसों घंटे खनन की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए 16 कर्मचारियों व अधिकारियों की टीम तैयार की गई है। जिसमें फॉरेस्ट के खनन दस्ता, थानों व रायपुर रेंज के अलावा फॉरेस्ट हेडक्वार्टर की रेस्क्यू टीम के मेंबर्स शामिल किए गए हैं।

टीम को मुस्तैद रहने के निर्देश

डीएफओ दून राजीव धीमान के मुताबिक यकीनन कुछ नदियों खनन के कारोबार की शिकायतें मिल रही थी। जिन इलाकों में खनन हो रहा था, वह मसूरी व देहरादून फॉरेस्ट डिविजन बॉर्डर एरियाज में शामिल है। कुछ जानकारियों टीमों को हाथ लगी है। इसके लिए टीमों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। संडे को रेंज ऑफिसर खनन दस्ता राजकुमार, डिप्टी आरओ गगनदीप सिंह, रायपुर रेंज से वन बीट ऑफिसर सरदार सिंह, हेडक्वार्टर से रवि जोशी सहित कई लोग शामिल रहे। डीएफओ के मुताबिक टीमों को खनन के खिलाफ मुस्तैद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

ये इलाके सेंसिटिव

-बांसवाड़ा

-घोड़ाफैक्ट्री

-गुलरघाटी।

-मसंदावाला।

-रापजुर ओल्ड।

ऐसी शिकायतें आ सामने आ रहीं हैं, इसके लिए टीम को मुस्तैद कर दिया गया है। दून फॉरेस्ट डिवीजन के साथ ज्वाइंट टीम पैनी निगाह रखी हुई है।

कहकशां, डीएफओ मसूरी

लगातार खनन की शिकायतें मिल रही थीं। फॉरेस्ट टीम ने अचानक निरीक्षण कर मामला पकड़ा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

राजीव धीमान, डीएफओ दून