कहां हैं जमाखोर?

आलू और प्याज का भाव फिर आसमान की ओर है। हालांकि ना तो सप्लाई कमजोर है और ना ही इस बार प्याज-आलू का प्रोडक्शन कम हुआ है। फिर क्या है प्राइस हाइक की वजह? जी हां, ये वही लोग हैं जिन्हें जमाखोर कहा जाता है। अब सवाल ये है कि ये जमाखोर कौन हैं और कहां हैं? इसी सवाल की तलाश में आई नेक्स्ट आज खबर नहीं अपील लेकर आया है, वो भी इस नकली महंगाई के पीछे की हकीकत के साथ पढि़ये, सोचिये आप खुद बताइये कहां हैं जमाखोर?

वो दबा रहे आलू-प्याज, आपके जेब पर गिर रही गाज

- जमाखोर बनारस और आस-पास के इलाकों में आलू-प्याज की स्टॉक करके क्रिएट कर रहे हैं शार्टेज

- शार्टेज बनने के बाद मनमाने दाम पर स्टॉक की गई सब्जियों को उतार रहे हैं फुटकर मार्केट में

- एडमिनिस्ट्रेशन और मंडी परिषद के अफसरों की सुस्ती की वजह से फल-फूल रहा है इनका धंधा

VARANASI : केन्द्र सरकार जमाखोरों को हर भाषा में डराने-धमकाने और समझाने की कोशिश कर रही है। जमाखोरी रोकने के लिये छापेमारियां हो रही हैं। लेकिन उनकी सेहत पर कोई असर नहीं है। कम समय में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में स्टॉकिस्ट प्याज और आलू का स्टॉक किये बैठे हैं। शहर से सटे और दूर-दराज के कोल्ड स्टोरेज में आलू-प्याज को स्टॉक किया जा रहा है। जमाखोर अपने स्टॉक के आलू-प्याज को फुटकर मार्केट में मनमाने दाम पर उतार रहे हैं। यही वजह है कि आलू-प्याज के दाम एक बार फिर आसमान पर हैं। प्याज और आलू के रेट में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।

सप्लाई में नहीं है कमी

आलू और प्याज के बढ़ते दाम को लेकर जब आई नेक्स्ट ने मंडी लेवल तक जाकर इंवेस्टिगेशन की तो चौंकाने वाला फैक्ट सामने आया। पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी, लाल बहादुर शास्त्री फल और सब्जी मंडी में आलू और प्याज की पर्याप्त मात्रा पहुंच रहा है। मंडी के अढ़तिया वीरेन्द्र कुमार के अनुसार नासिक से डेली 75 से 100 ट्रक प्याज और मध्य प्रदेश समेत पूर्वाचल के अन्य शहरों से लगभग इतना ही आलू मंडी में रोज पहुंच रहा है। बारिश का मौसम होने की वजह से आलू और प्याज को रोककर रखने की बजाय जल्द से जल्द बेचा जा रहा है। मंडी में स्टॉक करने का सवाल ही नहीं उठाता क्योंकि इस मौसम में वो खराब हो जाएंगे। इससे फायदे की जगह नुकसान हो जाएगा। रोजाना ये स्टॉकिस्ट लेवल के मझले व्यापारी आलू-प्याज उठा भी रहे हैं।

नहीं ला रहे मार्केट में

मंडी से अढ़तिया आलू और प्याज लेकर जा तो रहे लेकिन उसे मार्केट में नहीं ला रहे हैं। मंडी के लोग खुद मानते हैं कि मझले व्यापारी यहां से आलू-प्याज को ले जाकर कहीं स्टॉक कर रहे हैं। जबकि वह कोल्ड स्टोरेज में अवैध रूप से रखे हुए अपने पुराने स्टॉक को मनमाने दाम पर बेच रहे हैं। जानबूझ कर प्याज और आलू को कम क्वॉटिटी में मार्केट में उतारा जा रहा है ताकि लगे कि आलू-प्याज की कमी है। ज्यादातर स्टॉकिस्ट सिटी की चंदुआ, चंद्रा (सारनाथ), सुंदरपुर, रोहनियां आदि सट्टियों से जुड़े हैं। ये ठेले वालों को सब्जी सप्लाई करते हैं। चूंकि ठेले वालों का ही महंगे में प्याज आलू दिया जा रहा है इसलिए पब्लिक तक पहुंचते पहुंचते इनकी कीमत और बढ़ जा रही है।

शहर के बाहर हो रहा स्टॉक

जमाखोरी के खिलाफ गवर्नमेंट के सख्त होने के बाद लोकल एडमिनिस्ट्रेशन छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है। हालांकि इस कार्रवाई में दिखावा ज्यादा है। ज्यादातर अफसर जमाखोरों के खिलाफ ग्रास रूट लेवल पर काम नहीं कर रहे वरना अब तक बड़े जमाखोरों के चेहरे से नकाब उतर ही जाता। मंडी के सूत्र बताते हैं कि स्टॉकिस्ट्स ने शहर की सीमा पर बड़े-बड़े गोदाम बना रखे हैं। इसमें बड़ागांव, रोहनिया, चोलापुर, रामनगर में कई गोदाम है जहां आलू-प्याज को स्टॉक किया गया है। कई कोल्ड स्टोरेज भी इस खेल में इन्वॉल्व हैं। ये काम इतना गोपनीय तरीके से किया जाता है कि आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगती। रात के अंधेरे में माल ट्रकों में आता है और छोटी गाडि़यों में लदकर मार्केट में पहुंचाया जाता है।

पब्लिक की जेब हो रही ढीली

- इन दिनों पहडि़या मंडी में प्याज पहुंच रहा है 1700 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर यानि एक किलो का रेट 17 से 20 रुपये पड़ता है।

- खुले मार्केट में प्याज का इन दिनों रेट 30 से 35 रुपये प्रति किलो है यानि करीब दोगुना जो जमाखोरों की देन है।

- कायदे से प्याज अधिकतम 25 रुपये प्रति किलो तक ग्राहकों तक पहुंचना चाहिए।

- ठीक इसी तरह पहडि़या मंडी में आलू 1100 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल है। यानि 11 से 13 रुपये प्रति किलो।

- फुटकर मार्केट में ये रेट 20 से 25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जा रहा है।

- कायदे से आलू का फुटकर मार्केट में अधिकतम रेट अभी 15 से 18 रुपये प्रति किलो होना चाहिए।

खाली है अफसरों के हाथ

हाल ही में जमाखोरी के खिलाफ अफसरों की एक्टिविटी बढ़ी है। हालांकि अफसरों के हाथ खाली हैं। उन्हें अब तक एक भी जमाखोर नहीं मिल सका। शायद ही मिल पाये क्योंकि जमाखोरों का नेटवर्क बहुत ही स्ट्रांग होता है।

आप कर सकते हैं मदद

आप अफसरों की मदद कर सकते हैं। यदि आपके पास हो अपने आस-पास आलू प्याज के अवैध भण्डारण की पुख्ता खबर तो शेयर कीजिये आई नेक्स्ट से। जानकारी देने के लिये आप

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मार्केट में प्याज और आलू का रेट बढ़ता जा रहा है। जमाखोर हर रोज पब्लिक की जेब काट रहे हैं। इन पर लगाम लगे तो कुछ राहत हो।

-जगदीश त्रिपाठी, पाण्डेयपुर

प्याज और आलू तो हर घर की जरूरत है। भले चाहे ये जितना ही महंगा क्यों ना हो, लोगों को लेना ही पड़ेगा। इनका दाम नियंत्रण में आना चाहिये।

-सुनील यादव, सिगरा

हालत यह है कि जरूरत का हर सामान महंगा होता जा रहा है। अब तो लोगों की थाली से सब्जी भी गायब हो रही है। आलू और प्याज का रेट बेतहाशा बढ़ रहा है।

-अवधेश, कचहरी

आलू और प्याज के रेट पर कोई कंट्रोल नहीं है। जमाखोर जैसे चाहते हैं वैसे रेट ऊपर-नीचे करते हैं। मारी जाती है बेचारी पब्लिक।

-सर्वेश राय, इंग्लिशिया लाइन

जमाखोरी गंभीर अपराध है। जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अभियान चलाकर जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। जो भी जमाखोरी करते पकड़े जाएंगे उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई होगी।

-एमपी सिंह, एडीएम सिटी