मुंबई (एएनआई)। आईएमए महाराष्ट्र ने सोमवार को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा के सदस्य संजय राउन के खिलाफ उपराष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर शिकायत की है। आईएमए ने पत्र में लिखा है, 'संजय राउत महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं। उन्होंने हाल ही में मराठी टेलीविजन न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में घटिया टिप्पणी की। वे बोले, 'डाॅक्टरों कुछ नहीं जानते। उनसे बेहतर कंपाउंडर हैं। मैं हमेशा कंपाउंडरों से दवा लेता हूं, डाॅक्टरों से नहीं।' डब्ल्यूएचओ एक बेकार संस्थान है क्योंकि इसकी वजह से ही कोरोना वायरस महामारी दुनिया में फैली है।'

शिवसेना नेता डाॅक्टर समुदाय से मांगे माफी

एसोसिएशन ने कहा कि 16 अगस्त को स्टेट एग्जीक्यूटिव की मीटिंग में शिवसेना नेता के बयान की एकमत से निंदा की गई। 216 ब्रांचों के प्रतिनिधियों ने शिवसेना नेता से अपने शब्द वापस लेने और डाॅक्टर समुदाय से माफी मांगने संबंधी एक प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास किया। इसमें कहा गया है कि एक माननीय नेता, पत्रकार और राज्यसभा सांसद की टिप्पणी महाराष्ट्र में डाॅक्टर समुदाय के लिए अपमानजनक, अनुचित और तिरस्कार करने वाली थी। शिवसेना नेता की इस अपमानजनक टिप्पणी की वजह से साढ़े चार महीने से ज्यादा समय से कोविड-19 महामारी से लड़ रहे डाॅक्टरों का मनोबल प्रभावित हुआ है।

बयान पर शिवसेना नेता राउत की सफाई

आईएमए ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी इस बात की जानकारी दी जा चुकी है। उपराष्ट्रपति से अपील की गई है कि राज्यसभा सदस्य को डाॅक्टर समुदाय के खिलाफ अपमानजनक और भ्रामक टिप्पणी करने से रोका जाना चाहिए। आईएमए थाणे शाखा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राउत के बयान की निंदा की है और उनका इस्तीफा मांगने काे कहा है। इस बीच शिवसेना नेता ने मंगलवार को कहा कि वे कभी डाॅक्टर समुदाय का कभी तिरस्कार नहीं कर सकते खासकर तब जब इन लोगों ने कोविड-19 महामारी के दौरान काफी योगदान दिया हो। उन्होंने कहा कि उनका बयान महामारी के दौरान डब्ल्यूएचओ की भूमिका के बारे में था।

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