इमाम जैनुल आबेदीन की शहादत पर निकला जुलूस

72 शहीदों की याद में दो माह और आठ दिनों तक जारी रहने वाले अजादारी के क्रम में आयोजित हुए मजलिसे

ALLAHABAD: हजरत इमाम हुसैन समेत 72 शहीदों की याद में दो माह और आठ दिनों तक जारी रहने वाले अजादारी के क्रम में कहीं मजलिसें हुई तो कही मातमी जुलूस निकाले गए। बैदन टोला में रजा मंजिल में हुई सालाना मजलिस को मौलाना जव्वाद हैदर ने खिताब करते हुए कर्बला में तीन दिन की भूख और प्यास की शिद्दत में नवासा ए रसूल को यजीदी लश्कर द्वारा कत्ल किए जाने और खानवादा ए रसूल पर ढाए गए जुल्म की दास्तां का जिक्र किया तो अकीदमंदों की आंखे नम हो गई। गमगीन मसाएब सुनकर लोग सिसकियां लेने लगे। मजलिस के पूर्व फैज जाफरी ने सोज व सलाम पढ़ा।

शहादत पर निकला जुलूस

हजरत इमाम हुसैन के फर्जन्द इमाम जैनुल आबेदीन जो कर्बला के मैदान में बीमारी की हालत में मौजूद थे। उन्हें लोग बीमारे कर्बला और आबिदे बीमार के नाम से भी याद करते है। उनकी शहादत पर रानी मंडी स्थित नवाब नन्हें की कोठी से एक जुलूस निकला। जो अपने कदीमी रास्तों से होते हुए छम्मन खां के हाथे के ढाल पर पहुंचकर सम्पन्न हुआ। नवाब असगर की कोठी से 18 मुहर्रम को जुलूसे आबिदे बीमार निकाला गया। जिसमें खिताब करते हुए हसन अली साहब ने कुरान शरीफ में दी गई शिक्षाओं का विस्तृत विवरण किया। इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब में सैयद जाहिद हुसैन व सैयद वलीउलहसनैन के ईसाले सवाब के लिए आयोजित मजलिस को खिताब करते हुए करारी के इमाम जुया व जमा अत मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने बयान की। सैयद अजादार हुसैन ने बताया कि इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन आफताबे निजामत नजीब इलाहाबादी ने किया।