नमस्कार। 2019 का चौथा महीना। वित्तीय साल का पहला दिन। समय कैसे गुजर जाता है, पता ही नहीं चलता। आपके साथ इस लेख के माध्यम से मिलने का सिलसिला अपने चौथे साल में कदम रख रहा है। इस वक्त भी आप मेरा लेख पढ़ रहे हैं। मैं इसके लिए आपका आभारी हूं और रहूंगा। मैं इस पत्रिका के एडिटर का भी आभारी हूं, जिन्होंने मुझे आपके लायक समझा और परमात्मा को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हम सबको एक नए वित्तीय वर्ष में कदम रखने का आशीर्वाद दिया। नया साल। नई उम्मीदें। नौकरी करने वाले को इन्क्रिमेंट और प्रोमोशन की चिंता। छात्रों को नए क्लास की उत्सुकता। व्यवसायी लोगों की व्यवसाय बढ़ाने की सोच। गृहवधु की परिवार के खर्चों को कम करने की सोच या बढ़ते हुए खर्चे की जुगाड़ करने की रणनीति। हम आगे की सोचकर इतने चिंतित रहते हैं कि वर्तमान का आनंद उठाना भूल जाते हैं।

चैन से जिंदगी के अब तक के सफर के लिए किस-किस के आभारी हैं, उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने में शायद चूक जाते हैं और ऐसे कई लोग होते हैं। आपने कभी रोहन भसीन का नाम सुना है। मैंने भी नहीं सुना था परंतु किसी अखबार में उनकी एक फोटो ने मेरा दिल छू लिया। इस फोटो में रोहन ने एक बुजुर्ग को आलिंगन में पकड़ कर रखा है और दोनों की आंखों में आनंद के, कृतज्ञता के आंसू हैं। यह फोटो एक हवाई जहाज के अंदर ली गई है। रोहन उस हवाई जहाज के कमांडर हैं और उनके आलिंगन में उनकी नर्सरी स्कूल की टीचर। हवाई जहाज आसमान में भारत से अमरीका की ओर। रोहन का ऐलान- 'मैं इस हवाई जहाज का कमांडर, मैंने सीखने का पहला कदम इनके साथ लिया था। 

उनके टीचर ने बताया कि नर्सरी स्कूल में पहले दिन जब उन्होंने रोहन से पूछा कि बेटा तुम्हारा नाम क्या है? तो जवाब मिला- पायलट रोहन भसीन। कौन कृतज्ञ था किसके प्रति? दोनों एक-दूसरे के प्रति। अक्सर हम अनेक रिश्तों में इस कृतज्ञता को भूल जाते हैं या शायद जाहिर नहीं करते हैं। इस तरह हम रिश्ते को और मजबूत करने का मौका खो देते हैं। जरा याद कीजिए, कब आपने रिक्शा चलाने वाले को धन्यवाद बोला है। मैं कृतज्ञता या gratitude के विषय में काफी अध्ययन कर रहा हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि कृतज्ञता हमें बेहतर जिंदगी जीने में मदद करती है। “Be thankful for what you have; you’ll end up having more. If you concentrate on what you don’t have, you will never, have enough.” -Oprah Winfrey के इस विचार ने मुझे जबरदस्त प्रभावित किया है।

बचपन की याद आ जाती है। कॉन्वेंट स्कूल में दोपहर के भोजन के ब्रेक के पहले प्रार्थना- ऊपर वाले को धन्यवाद कहना रोटी के लिए। उस वक्त इसका महत्व नहीं समझता था। आज बात समझ में आती है। कृतज्ञता पर पूरी दुनिया में काफी अध्ययन और रिसर्च चल रहा है। अमेरिका में एक प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी का अध्ययन एक गजब निष्कर्ष पर पहुंचा है।  जिस इंसान में कृतज्ञता का बोध है जो उसको व्यक्त करने में नहीं हिचकिचाता है, वह जिंदगी में ज्यादा खुश है क्योंकि इसका अर्थ है कि अभी तक की जिंदगी से वह खुश और संतुष्ट है।

इसका तात्पर्य यह हरगिज नहीं है कि आप भविष्य में और तरक्की करने का प्रयास न करें। जरूर करें, परंतु अब तक के सफर के लिए मन ही मन सही, किसी को तो धन्यवाद बोलें। जिंदगी में जब हमने शुरुआत की थी, तो अकेले नहीं की थी। कुछ हमसे आगे निकल गए, कुछ पीछे रह गए। इसके लिए तो thank you बनता है। है न? थोड़ा सोचिए और कोशिश कीजिए अपने आपको और अपनों को धन्यवाद बोलने की। सुकून मिलेगा। यही सुकून आपको इस नए वित्तीय वर्ष में नई ऊंचाइयां छूने में मदद करेगा। अगर आपको लेख पसंद आया हो, तो फेसबुक के माध्यम से जरूर बताइएगा।

दीपक प्रमाणिक (Writer is a Motivator, Teacher & Trainer)

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