2002 में किया गया था हमला
31 जुलाई 2002 तड़के 2 बज रहे थे। फ्लाइट लेफ्टीनेंट राजीव मिश्रा 29 वर्षी फाइटर पॉयलट थे। राजीव उस समय अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर अपने क्वार्टर में थे। बेस पर राजीव के लिए जेजर डिजिग्नेशन इक्विपमेंट से लैस फाइटर जेट उनका इंतजार कर रहा था। जिसे लेकर उन्हों श्रीनगर पहुंचना था। तब तक उन्हें पता भी नहीं था कि वो एक बेहद खतरनाक मिशन पर इंडियन एयरफोर्स की ओर से जा रहे हैं।

सीक्रेट रखा गया था मिशन को
बाहर की दुनिया से हर चीज को गुप्त रखा गया था। एक एक बहुत ही सीक्रेट मिशन था। राजीव जैग्वार फाइटर जैट उड़ाने में माहिर थे। पर इस बार उन्हें उड़ाने के लिए जैग्वार नहीं दिया था। एयरफोर्स ने उन दिनो इजराइल से एक लेजर गाइडेंस सिस्टम खरीदा था जिसकी टेस्टिंग होनी थी। राजीव इसे चलाने वाले पहले सैनिक थे। ये टेक्नोलाजी दुश्मन को एकदम जड़ से हटाने की काबीलियत रखती है। मिश्रा ओर उनके दो साथियों को आईएएफ कीसट्राइक सेल ने इस मिशन के बारे में जानकारी दी थी। उन्हें पाकिस्तान में एलओसी क्रास कर के जाना था और उनके ठिकानों को खत्म करना था।

2001 में हुआ था संसद पर हमला
ठीक सात महीने पहले ही आतंकियो ने संसद पर दिसंबर 2001 में हमला कर दिया था। उस समय केन्द्र में बीजेपी का शासन था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई और रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडीज थे। 2002 में मई से जून के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बड़ गया था। पाकिस्तान पर हुये इस हमले की जानकारी सिफ्र कुछ ही लोगों को थी। इटेलियन प्लान के जरिए भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया था।

National News inextlive from India News Desk

 

National News inextlive from India News Desk