लड़ाई में 7 जवान भी हुए शहीद

हारून यूसुफजई के मुताबिक बीते सोमवार को अफगानी सुरक्षा बलों ने तालिबानी आतंकवादियों के सख्त अभियान चला रखा था. इस दौरान पहाड़ी इलाकों में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने आतंकियों पर हवाई हमला किया. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने कई जगहों पर सड़कें तोड़ दी थीं, जबकि कई स्थानों पर पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े रखकर मार्ग बंद कर दिया था. उन्होंने जगह-जगह विस्फोट किए और भूमिगत सुरंगें भी बिछा रखी थी. शैंक शहर में उन्होंने एक समन्वय केंद्र भी बना रखा था, जहां सैकड़ों तालिबान आतंकवादी उस वक्त जमा थे, जब नाटो की ओर से बमबारी हुई. तालिबानी आतंकियों, अफगान सुरक्षा बलों और नाटो के बीच जंग में करीब 130 तालिबानी आतंकी मारे गये. हालांकि आतंकियों के साथ्ा हुई लड़ाई में करीब 7 जवान भी शहीद हो गए.

तालिबान का नहीं हुआ नुकसान

यूसुफजई ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा के साथ लगती डंगम जिले में 10 दिन पहले करीब 1200 पाकिस्तानी और अफगान जिहादियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू किया था. जिस पर अफगान सुरक्षाबल और नाटों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू किया. मारे गए 138 तालिबानी आतंकियों में करीब 17 आतंकियों ने पाक सेना की वर्दी पहन रखी थी. अधिकारियों का कहना है कि आतंकी सुरक्षा कर्मियों को गुमराह करने की वजह से पाक सेना की वर्दी पहने थे. वहीं तालिबान के प्रवक्ता का दावा है कि जबिउल्लाह मुजाहिद ने जोर देकर कहा कि उनके गुट के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. तालिबान क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाने के लिए प्रतिबद्ध है. उसने दावा किया कि अफगानिस्तान के सैनिकों को इस लड़ाई में नुकसान उठाना पड़ा.

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