मुंबई (मिड-डे)। Tanhaji The Unsung Warrior: सेक्रेड गेम्स में सिंपल सरताज सिंह का रोल करने की बात हो या लाल कप्तान में बदले की आग में जलता नागा साधु हो, सैफ अली खान की करियर च्वॉइसेस बहुत अनप्रिडिक्टेबल और इंटरेस्टिंग रही हैं। यह एक्टर तानाजी: द अनसंग वॉरियर के जरिए साल की शुरुआत करने वाला है, जिसमें वह राजपूत वॉरियर उदयभान राठौड़ का रोल कर रहे हैं। उदयभान ने 'सिंहगढ़ की जंग' में मराठा जनरल तानाजी मलुसरे का सामना किया था।

क्या है उसकी सनक के पीछे की वजह?

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए सैफ का कहना था, 'उदयभान बहुत बड़ा पापी है। वह बैटमैन मूवीज के जोकर जैसा है। वह एक जबरदस्त वॉरियर है, बहुत स्मार्ट है लेकिन उसके पास्ट में हुई कुछ घटनाओं की वजह से वह सनकी हो गया है। इस कैरेक्टर को क्रेजी और क्लियर-कट बात करने वाले इंसान के तौर पर दिखाना ही हमारा मकसद था।'

परफेक्शन के लिए किए कई 'टेक्स'

जहां मूवी के डायरेक्टर ओम राउत ने उदयभान के तौर पर एक 'लार्जर-दैन-लाइफ' विलेन तैयार कर दिया था वहीं सैफ का कहना है कि इस किरदार में मौजूद 'ड्रैमेटिक्स' उनके अंदर नैचुरली नहीं आए थे। उनके मुताबिक, 'मुझे नहीं पता था कि मैं सिचुएशन को ड्रैमेटाइज कैसे करूं इसलिए मुझे एक अलग किस्म की अप्रोच अपनानी पड़ी। हम काफी 'टेक्स' किया करते थे। हम फिल्ममेकिंग के ऐसे कल्चर से आते हैं जहां माना जाता है कि जो एक्टर्स बहुत 'टेक्स' लेते हैं वे गलतियां करते हैं पर सच यह है कि ऐसा रोल पहले 'टेक' में परफेक्ट नहीं किया जा सकता।'

'ईगो' आ जाता है दो एक्टर्स के बीच में

तानाजी एक ऐसा रेयर प्रोजेक्ट है जिसके लिए दो सुपरस्टार्स-अजय देवगन और सैफ साथ आए हैं। जब इस एक्टर से पूछा गया कि बॉलीवुड में दो हीरो वाली फिल्में इतनी कम क्यों बनती हैंं, तो वह बोले, 'यह ईगो का मसला है। अगर आप एक लीडिंग एक्टर हैं और अपने को-स्टार से हल्का रोल कर रहे हैं तो सवाल खड़े हो जाते हैं। अगर दोनों एक्टर्स के रोल अच्छे हों तो बात बनती है। वे मूवीज बनाना ज्यादा आसान होता है जिनमें एक्टर्स सपोर्टिंग रोल्स करने को तैयार हो जाते हैं। जब मैं 90 के दौर में दो हीरो वाली मूवीज करता था तो ज्यादातर मौकों पर दूसरे एक्टर को बेहतर रोल मिलता था।'

sonil.dedhia@mid-day.com

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