-प्रशासन तैयार कर रहा है रिपोर्ट, छापेमारी अभियान भी शुरू

-कई जगह अवैध खनन में सपा नेताओं का नाम सामने आ रहा

KANPUR : अवैध खनन का खेल तो दशकों से चल रहा है, लेकिन अब सीबीआई जांच की तलवार लटकी तो प्रशासन की भी आंख खुलने लगी है। उन क्षेत्रों पर निगाह शुरू कर दी गई है जहां खनन किया जा रहा है और साथ ही अवैध खनन में मदद कर अपनी जेब भरने वाले सरकारी मुलाजिमों पर भी नजर गड़ा दी गई है। ऐसे करीब एक दर्जन लेखपाल प्रशासन के राडार पर हैं, जिनके क्षेत्र में वर्षो से खनन हो रहा है। यही नहीं कई पुलिसकर्मियों की भी गुपचुप रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कानपुर की बात करें तो सजेती, बिठूर, चौबेपुर, घाटमपुर, महाराजपुर, बिधनू, भीतरगांव आदि क्षेत्र में जगह-जगह मिट्टी के अवैध खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है। इसमें कई सफेदपोशों की भागीदारी भी है, जिनके बारे में प्रशासन को लगातार रिपोर्ट मिल रही है।

सपा नेताओं की भूमिका

अभी दो दिन पहले ही महाराजपुर क्षेत्र के खनन अधिकारी ने भारी मात्रा में अवैध खनन पकड़ा था। कई डम्फर व लोडर सीज किए गए। प्रशासन को रिपोर्ट दी गई है कि इस क्षेत्र में खनन माफिया राजन सिंह ने जोधेपुरवा व लक्खापुरवा में ढाई हजार घन मीटर मिट्टी का खनन कराया है। इसके अलावा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य राजेन्द्र ठेकेदार ने सरसौल में तीन हजार घन मीटर मिट्टी अवैध खनन करके निकलवाई है। सूत्रों के मुताबिक खनन करवाने वालों में अधिकतर मामलों में सपा नेताओं का नाम सामने आ रहा है।

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लेखपालों ने नहीं दी खनन की रिपोर्ट

उधर, डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि अब अवैध खनन करने वाले किसी भी हालत में बक्शे नहीं जाएंगे। अवैध खनन करवाने में क्षेत्रीय पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है। इन क्षेत्रों में तैनात रहे थानेदारों की रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसके अलावा करीब एक दर्जन से अधिक लेखपाल ऐसे हैं जिनके क्षेत्र में धड़ल्ले से खनन किया गया है। डीएम का कहना है कि ऐसा हो नहीं सकता कि लेखपालों को खनन की जानकारी न मिली हो। उनका काम ही क्षेत्र पर निगाह रखने का होता है। इससे पता चलता है कि कहीं न कहीं अवैध खनन में उनकी मिलीभगत जरूर रही है। तभी तो उन्होंने खनन किए जाने की कोई रिपोर्ट नहीं दी। अब जांच शुरू कर दी गई है और जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होना तय है।

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'अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान शुरू किया गया है। कई थानों के पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। साथ ही लेखपालों की भी मिलीभगत नजर आ रही है। अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.'

-कौशलराज शर्मा, डीएम, कानपुर नगर