- प्लास्टिक इंडस्ट्री के लिए यूपीएसआईडीसी औरेया में विकसित कर रहा प्लास्टिक सिटी

- पूरी तरह से होगी पॉल्यूशन फ्री, उद्योगों को ईंधन के लिए गेल सप्लाई करेगी गैस

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KANPUR: औरेया में यूपीएसआईडी की प्लास्टिक सिटी पूरी तरह से पॉल्यूशन फ्री होगा। यहां सिर्फ गैस चालित उद्योग ही स्थापित किए जाएंगे। गैस की सप्लाई के लिए गेल ने प्लान्ट लगाया है। इसके अलावा यहां स्किल डेवलेपमेंट सेन्टर भी बनाने की तैयारी चल रही है।

324 एकड़ में बस रही

यूपीएसआईडीसी प्लास्टिक आइटम्स का उत्पादन करने वाले उद्योगों के लिए ही प्लास्टिक सिटी बसा रहा है। यहां उद्योगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए सड़क, पानी, बिजली व सीवर लाइन का काम चल रहा है। प्लास्टिक सिटी का कुल क्षेत्रफल 314 एकड़ है, लेकिन इसमें 225 एकड़ भूमि औद्योगिक भूखण्डों के लिए है। शेष 89 एकड़ भूमि पर आवासीय परिसर प्रस्तावित है। यह आवास प्लास्टिक सिटी में लगे उद्योगों में काम करने वाले कार्मिकों के लिए बनाए जा रहे हैं। इस सिटी को बसाने की लागत करीब 250 करोड़ आ रही है। प्लास्टिक सिटी के लिए केन्द्र सरकार से 40 करोड़ की सहायता मांगी गई है।

शहर से 120 किमी दूर

यूपीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक मनोज सिंह के मुताबिक प्लास्टिक सिटी की कानपुर से दूरी मात्र 120 किलोमीटर है। यहां के कई उद्यमी प्लास्टिक सिटी में प्लान्ट लगाने की तैयारी कर रहे हैं। इस सिटी को पॉल्यूशन से बचाने के लिए कारखानों में सिर्फ गैस को ईधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। कोयला व अन्य ईंधन जिनसे पॉल्यूशन बढ़ता है, उनका यूज करने वाले उद्योगों की नो इन्ट्री होगी। गैस की सप्लाई के लिए गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) ने प्लान्ट लगाया है। जिससे उद्यमियों को गैस मिलने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

जल्द होगा भूखंडों का आवंटन

प्लास्टिक सिटी में भूखण्ड के लिए देश की कई नामी प्लास्टिक सामान बनाने वाली कंपनियों ने भी आवेदन किया है। अभी कई भूखण्डों पर फैसला नहीं हुआ है। जल्द ही भूखण्ड का आवंटन पूरा होने के संकेत मिल रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 2017 तक यह प्लास्टिक सिटी पूरी तरह से आबाद हो जाएगी।

स्किल डेवलेपमेंट सेन्टर

प्लास्टिक सिटी में एक स्किल डेवलेपमेंट सेन्टर का भी निर्माण प्रस्तावित है। इसमें प्रशिक्षण देकर अभ्यर्थियों को ट्रेण्ड किया जाएगा। ट्रेण्ड होने के बाद इन अभ्यर्थियों को यहां के उद्योगों में रोजगार मिलने की पूरी संभावना रहेगी।

प्लास्टिक सिटी: एक नजर

- दिल्ली-हावड़ा रेल ट्रैक के निकट

- दिल्ली-कोलकाता हाईवे एनएच-2 से 8 किमी दूर

- कानपुर नगर से 120 किलोमीटर दूर

- दिल्ली से 320 किलोमीटर की दूरी

- 314 एकड़ भूमि में विकसित

- परियोजना की लागत 250 करोड़

- ईधन के लिए सिर्फ गैस का प्रयोग