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कैग की रिपोर्ट के बाद रेलवे अलर्ट हो गया है। ट्रेन में पैसेंजर्स को दिए जाने वाले कंबल की साफ-सफाई को लेकर इंडियन रेलवे खास कदम उठाने की तैयारी में है। डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार रेल मंत्रालय ट्रेन के एसी कोचेज में कंबल व बेडशीट को बंद करने का प्लान बना रहा है। इस दौरान कोच का टेंप्रेचर बढ़ाया जाएगा। जिससे पैसेंजर बिना कंबल के जर्नी कर सकें। हालांकि बंद करने के पहले पायलट प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा।

 

बढ़ेगा कोच का टेंप्रेचर

 

कोच से कंबल व चादर हटाने के पहले रेलवे मंत्रालय दो नए ऑप्शन पर विचार कर रहा है। पहले ऑप्शन में ट्रेंस में एसी कोच का टेंप्रेचर बढ़ाने पर मंथन किया जा रहा है। कोच का एवरेज टेंप्रेचर क्9 डिग्री से बढ़ाकर ख्ख् से ख्ब् डिग्री सेल्सियस किया जा सकता है। माना जा रहा है कि टेंप्रेचर बढ़ने पर कंबल देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। वहीं, दूसरे ऑप्शन में कंबल की जगह बिना ऊन वाला कवर दिया जा सकता है। कंबल के मुकाबले बिना ऊन वाले कवर की धुलाई आसान और सस्ती है। यही नहीं इसे वीकली या डेली साफ किया जा सकता है।

 

इसलिए नहीं होती धुलाई

 

इस समय एक कंबल की धुलाई पर भ्भ् रुपए खर्च आता है। जबकि पैसेंजर्स से इसके लिए महज ख्ख् रुपए ही चार्ज किए जाते हैं। यही वजह है कि कम्बल जल्दी-जल्दी साफ नहीं होते। जिससे पैसेंजर कंबल गंदा होने की कम्प्लेन करते हैं। पूरे प्लान से जुड़े ऑफिसर्स के मुताबिक कंबल की धुलाई के लिए खादी इंडिया से भी बातचीत चल रही है, लेकिन खादी के एक कंबल की धुलाई पर क्क्0 रुपए का खर्च आएगा।

 

बस पूरा हो जाए पायलट प्रोजेक्ट

 

रेल मंत्रालय विभिन्न जोन में दौड़ने वाली ट्रेंस के एसी कोच में कंबल व चादर हटाने से पहले इसे किसी एक रूट पर आजमाना चाहता है। योजना लागू करने से पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुनिंदा ट्रेंस में लागू किया जाएगा। बहरहाल कई रूट की लिस्ट को फाइनल कर लिया गया है। इसमें से किसी एक रूट पर जल्द ही इसे स्टार्ट कर दिया जाएगा। जिसके बाद इसे सभी ट्रेंस में लागू किया जाएगा।

 

कैग की रिपोर्ट में हुआ है खुलासा

 

गौरतलब है कि पिछले दिनों कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ट्रेंस में दिए जाने वाले कंबलों को महीनों तक धुला नहीं जाता है। साथ ही इनकी धुलाई में किसी तरह के स्टैंडर्ड का भी ध्यान नहीं रखा जाता है। जिसके बाद रेल मंत्रालय कंबल नहीं देने पर मंथन कर रही है। आपको बता दें कि फिलहाल रेलवे की मौजूदा व्यवस्था में ट्रेन में एसी कोच में जर्नी करने पर तकिया, बेडशीट और कंबल मिलता है।

 

 

पैसेंजर के लिए जो बेहतर होगा रेलवे वही कदम उठाएगा। प्रॉपर चेकिंग व अध्ययन के बाद ही कोई डिसीजन लिया जाएगा। - एके मित्तल, सीआरबी, इंडियन रेलवे

 

-कैंट स्टेशन से क्भ्0 ट्रेंस का ऑपरेशन होता है।

-सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेंस में पैसेंजर्स को कंबल व चादर दिया जाता है।

-गरीबरथ में ऑनलाइन बुकिंग कराने सहित जर्नी के दौरान डिमांड करने वाले को दिया जाता है कंबल, चादर व तकिया।

-विभिन्न ट्रेंस में कैंट स्टेशन से जर्नी स्टार्ट करने वाले भ्00 से 800 पैसेंजर्स को कंबल, तकिया, चादर व तौलिया दिया जाता है।

-यार्ड स्थित वॉशिंग शेड में कंबल व चादर की धुलाई होती है।