कमर्शियल वाहनों में शामिल होंगी सवारी ढोने वाली एंबुलेंस
निजी एंबुलेंस को टैक्स के दायरे में लाने पर चल रहा विचार
Meerut। मरीजों को नि:शुल्क लाने व ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस को परिवहन विभाग से टैक्स में छूट मिलती है। इस छूट का फायदा उठाते हुए निजी एंबुलेंस एक तरफ तो मरीजों के तीमारदारों से किराया वसूलती हैं। दूसरी तरफ बतौर टैक्सी भी सवारियों से मोटा मुनाफा कमा रही हैं। अब एंबुलेंस के नाम पर इन तरीकों से कमाई करने वाले चालकों पर लगाम कसने के लिए परिवहन विभाग एबुलेंस पर टैक्स लगाने जा रहा है।
निजी एंबुलेंस पर टैक्स
परिवहन विभाग में एंबुलेंस को नॉन टैक्सेबल वाहनों में रजिस्टर्ड किया जाता है। एंबुलेंस चालकों को इस छूट के चलते सालाना टैक्स नहीं जमा करना पड़ता। लेकिन इस छूट का फायदा उठाते हुए एंबुलेंस में सवारी ढोने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश के कई जनपदों पर चेकिंग के दौरान एंबुलेंस में सवारी मिलने पर परिवहन विभाग ने अब निजी एंबुलेंस को टैक्स के दायरे में शामिल करने की योजना तैयार की है।
चेकिंग में होगी जांच
प्रत्येक जनपद में एंबुलेंस की चेकिंग का अभियान चलाया जाएगा। चेकिंग के दौरान यदि एंबुलेंस में सवारी मिली तो संबंधित हॉस्पिटल से जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही यदि एंबुलेंस निजी होगी तो उसका परमिट निरस्त कर पंजीकरण तिथि से सालाना जुर्माना वसूला जाएगा। इसके बाद एंबुलेंस को कमर्शियल वाहन के तौर पर अनुमति दी जाएगी।
मुख्यालय स्तर पर निजी एंबुलेंस को टैक्स के दायरे में लाने पर विचार किया जा रहा है। इससे पहले जनपद में संचालित सभी एंबुलेंस की जांच की जाएगी। जो मानकों के विपरित हैं उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा।
ओपी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन