- वीसी की गठित टीम ने प्रोफेसर को रंगे हाथों पकड़ा

- वीसी ने आरोपी प्रोफेसर को किया निलंबित

LUCKNOW :

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) के इलेक्ट्रॉनिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर व एकेटीयू में उप अधिष्ठाता पीजी एंड रिसर्च डॉ। राजीव कुमार सिंह को एकेटीयू में पीएचडी में एडमिशन कराने के नाम पर स्टूडेंट से डेढ़ लाख रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ अधिकारियों ने पकड़ा। मामला संज्ञान में आने के बाद वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने उन्हें निलंबित कर दिया।

कॉल िरकार्डिग वीसी को भेजी

वीसी प्रो। पाठक के अनुसार कानपुर नारामऊ निवासी दीपक कुमार ने शिकायत की थी कि आईईटी के इलेक्ट्रॉनिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। राजीव कुमार ने पीएचडी एडमिशन एग्जाम पास कराने व उसमें चयन के नाम पर उससे पैसे मांगे हैं। इसके बाद डीन यूजी प्रो। विनीत कुमार कंसल की अध्यक्षता में टीम बनाई गई। डॉ। राजीव कुमार सिंह को अभी हाल ही में वीसी ने उप अधिष्ठाता पीजी एंड रिसर्च का कार्यभार भी दिया था। छात्र दीपक कुमार ने वीसी को आरोपी डॉ। राजीव कुमार सिंह की पूरी कॉल डिटेल भी उपलब्ध कराई थी। पीएचडी में पैसा लेकर पास कराने का आरोप साबित होने के बाद सोमवार को वीसी ने प्रो। राजीव कुमार सिंह का निलंबित कर दिया।

पैसे लौटाने का दिया था आश्वासन

एकेटीयू अधिकारियों के मुताबिक डॉ। राजीव कुमार के पास पीएचडी एडमिशन से जुड़ा कोई कार्य नहीं था। इसके बाद भी उन्होंने स्टूडेंट से संपर्क कर पीएचडी में एडमिशन का वादा किया। उन्होंने स्टूडेंट को आश्वासन दिया था कि चयन न होने पर पैसा वापस कर दिया जाएगा.

रंगे हाथ पकड़े गए

एकेटीयू में संडे को पीएचडी एडमिशन एग्जाम हुआ था। एग्जाम के बाद आरोपी डॉ। राजीव कुमार सिंह ने दीपक कुमार को पैसा लेकर संडे रात आईईटी बुलाया। इसकी जानकारी उसने एकेटीयू के अधिकारियों को दी। अधिकारी वहां पहले ही पहुंच गए और स्टूडेंट के पैसे देते ही उन्होंने डॉ। राजीव कुमार को दबोच लिया। सोमवार को वीसी ने डॉ। राजीव कुमार को निलंबित कर दिया।