सफल नहीं रही

32 वर्षीय विंसी ने 33 वर्षीय सेरेना को 2-6, 6-4, 6-4 से हराकर साल के अंतिम ग्रैंड स्लैम के फाइनल में प्रवेश किया, जहां उनका मुकाबला हमवतन खिलाड़ी 26वीं वरीय फ्लाविया पेनेटा से होगा, जिन्होंने पहले सेमीफाइनल मुकाबले में दूसरी वरीय रोमानिया की सिमोना हालेप को 6-1, 6-3 से उलटफेर का शिकार बनाया।विंसी और पेनेटा दोनों ही पहली बार किसी ग्र्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची हैं। पेनेटा जहां पिछले 12 प्रयास में केवल 2013 में इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश करने में सफल रही थीं, जो किसी भी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में पेनेटा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था। वहीं, 2001 में यहां पहली बार कोर्ट पर उतरने वाली विंसी इससे पहले यहां क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में सफल नहीं रही हैं।

मील का पत्थर

मात्र 17 साल की उम्र में 1999 में यूएस ओपन के साथ अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली 33 साल की सेरेना को रोबर्टा विंसी से मिला हार शायद ताउम्र सालती रहेगी। इस हार की वजह से न सिर्फ उनके हाथों से करियर का 22वां मेजर खिताब फिसल गया, बल्कि सेरेना जर्मनी की महान टेनिस स्टार स्टेफी ग्राफ के बाद एक ही साल में चारों ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने का सुनहरा अवसर भी गंवा दिया। करियर में 22 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वालीं स्टेफी ग्राफ ने यह कारनामा 1988 में किया था। सेरेना को अब यह मील का पत्थर हासिल करने के लिए एक बार फिर अगले साल नए सिरे से शुरुआत करनी होगी।

सिर्फ एक मैच

वहीं इस दौरान रॉबर्टा विंसी का कहना है कि यह उनके लिए बहुत बड़ा क्षण है, सबसे बड़ी जीत है। अमेरिका के प्रशंसकों से माफी मांगती हुए उनका कहना है कि उन्होंने उनकी पसंदीदा खिलाड़ी को हरा दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि वह सर्विस करते समय मैं नर्वस थी। उन्होंने अपनी ओर से पूरा प्रयास किया और जीत हासिल की। जब वह सुबह सोकर उठी तो वह सेरेना के बारे में नहीं सोच रही थी। रॉबर्टा विंसी ने सोचा कि यह सिर्फ एक मैच है और उन्हें इसका आनंद लेना है।

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