हेड ऑन जेनरेशन टेक्निक अपनाने के लिए हमसफर को मिला ग्रीन टैग

22 रुपये यूनिट की जगह सात रुपये यूनिट बिजली खर्च पर चल रही है

ALLAHABAD: 10 मई को इलाहाबाद से आनंद विहार के लिए रवाना हुई इलाहाबाद-आनंद विहार हमसफर एक्सप्रेस तीन महीने में ही रेलवे का ग्रीन टैग मिल गया है। ये हर साल एनसीआर का 2.15 करोड़ रुपये बिजली खर्च बचाने वाली पहली ट्रेन बन गई है। हमसफर रेलवे के परंपरागत प्रणाली एंड ऑन जेनरेशन इओजी को छोड़ कर हेड ऑन जेनरेशन यानी एचओजी बेस पर चलने लगी है।

प्रति यूनिट 16 रुपये की होगी बचत

हमसफर एक्सप्रेस ने 28 जुलाई से हेड ऑन जेनरेशन (एचओजी) तकनीक पर कार्य प्रारम्भ किया। परंपरागत ईओजी प्रणाली में बिजली की लागत-डीजल जेनरेटर सेट का उपयोग होने के कारण प्रति यूनिट 22.00 रुपये आती है। एचओजी प्रणाली में आपूर्ति सीधे ओएचई के माध्यम से 3 फेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के द्वारा ली जाती है। इससे प्रति इकाई बिजली की दर केवल 7.00 रुपये है। एचओजी प्रौद्योगिकी को प्रयोग में लेने के कारण 16.00 रुपये प्रति यूनिट की बचत होती है। ये हमसफर एक्सप्रेस जैसी एक ट्रेन के लिए रुपये 2.15 करोड़ की वार्षिक बचत करवाती है।

हमसफर एक्सप्रेस जैसी सिर्फ एक ट्रेन में एचओजी प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रति वर्ष 1174 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है। एचओजी प्रौद्योगिकी को अपनाने का एक और फायदा यह है कि ट्रेन को विद्युत आपूर्ति के दो विकल्प उपलब्ध मिलते हैं। पहला ओएचई के माध्यम से और दूसरा विद्युत कारों में जेनरेटर सेट के द्वारा।

हमसफर प्रीमियम ट्रेन में एचओजी की शुरूआत रेलवे और आम जनता के लिए अच्छा है। इससे पब्लिक के पैसे की बचत होती है। हमसफर एक्सप्रेस में अभी शुरुआत हुई है। अन्य ट्रेनें भी इसी सिस्टम में लाई जाएंगी।

राजीव अग्रवाल

जीएम एनसीआर