- जनसंख्या बढ़ने के बाद भी राजधानी का खूब हो रहा विकास

- डेवलपमेंट के साथ आवासीय योजनाओं ने भी भरी उड़ान

LUCKNOW:

एक दशक में जनसंख्या के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ। शहरी क्षेत्र के विस्तार के साथ ग्रामीण एरिया में भी पक्के मकानों की संख्या बढ़ी। लगातार बढ़ती जनसंख्या के दवाब से निपटने के लिए संसाधनों की उपलब्धता ने भी रफ्तार पकड़ी। जनता की मूलभूत जरूरतें पानी, आवास, मेडिकल और अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित हुई। इतना ही नहीं, संसाधनों के ग्राफ में बढ़ोत्तरी को लेकर जलकल से नगर निगम, प्राधिकरण समेत सभी विभाग अपने-अपने स्तर से प्रयास करने में जुटे हुए हैं। आइए जानते हैं वर्तमान समय में उपलब्ध संसाधनों की तस्वीर के बारे में

आवासीय योजनाओं को रफ्तार

लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से आवासीय योजनाओं को रफ्तार दी गई। जिससे हजारों लोगों का अपने आवास का सपना साकार हुआ। शहर की प्राइम लोकेशन अलीगंज हो या फिर गोमती नगर विस्तार या फिर शहर को दूसरे शहरों से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग, हर तरफ आवासीय योजनाओं को इंप्लीमेंट किया गया। इसके साथ ही व्यावसायिक योजनाओं को भी गति मिली। हाल में ही बसंतकुंज योजना में व्यावसायिक भूखंडों की सौगात दी गई। इसकी योजना सालों पहले बनाई गई थी।

टाउनशिप पर भी फोकस

शहर की जनता को टाउनशिप की भी सौगात दी गई। प्राधिकरण की ओर से सीतापुर रोड से लेकर फैजाबाद रोड के किनारे टाउनशिप का एक्शन प्लान तैयार किया। वहीं आवास विकास की ओर से भी शहीद पथ के आसपास पांच हजार से अधिक फ्लैट्स बनवाए गए। हाल में ही आवास विकास की ओर से शहीद पथ के किनारे आवासीय भूखंडों की सौगात देने संबंधी तैयारी भी की जा रही है।

नवीन मार्गो का निर्माण

नगर निगम की ओर से सभी 110 वार्डो में नवीन मार्गो का भी निर्माण कराया गया। हर माह किसी न किसी वार्ड में नई सड़क का निर्माण शुरू होता है, जबकि दस साल पहले सड़क निर्माण की रफ्तार थोड़ी धीमी थी। इतना ही नहीं, सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके मेंटीनेंस पर भी फोकस किया गया।

हर घर को शुद्ध पानी

जलकल की ओर से शहर में स्थित करीब 5 लाख 40 हजार मकानों को शुद्ध पेयजल मिले, इसके लिए एक्शन प्लान बनाया गया है। इसके अंतर्गत करीब 10 हजार किमी के करीब पेयजल लाइन बिछाई जानी है।

मेडिकल सुविधाओं को रफ्तार

राजधानी में मेडिकल सुविधाओं को लेकर पिछले एक दशक में कई बड़े बदलाव देखने को मिले। गवर्नमेंट हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के साथ टेली मेडिसिन, अपेक्स ट्रॉमा, लिवर ट्रांसप्लांट, कैंसर इंस्टीट्यूट जैसी सुविधाएं शुरू हुई। वहीं मेदांता, अपोलो जैसे कारपोरेट हॉस्पिटल ने भी लखनऊ का रुख किया। पब्लिक हेल्थ सेंटर भी बढ़ाये गये हैैं। जिससे प्रदेश के साथ अन्य राज्यों के लोग बेहतर मेडिकल सुविधाओं की चाह में राजधानी का रुख कर रहे हैं।

वर्तमान परिदृश्य

45 लाख 89 हजार 838 वर्तमान जनसंख्या

5 लाख 38 हजार भवन स्वामी शहर में

77.3 प्रतिशत साक्षरता

2528 वर्ग किमी। (संभावित)

43 पुलिस स्टेशन

एजुकेशन सिस्टम भी बढ़ा

बढ़ती जनसंख्या के आधार पर एजुकेशन सिस्टम में भी इजाफा हुआ। एक नई यूनिवर्सिटी के साथ एजुकेशन सिस्टम को हाईटेक किया गया। सभी डिग्री कॉलेजों में 33 प्रतिशत सीटें बढ़ाई गईं और पांच नए राजकीय इंटर कॉलेज खोले गए।