-बच्चों और बुजुर्गो में अटैक का अधिक खतरा

-रोगियों को सर्दी में एहतियात बरतने की सलाह

आई कन्सर्न

Meerut। पिछले तीन दिनों में कोहरे के साथ अचानक बढ़ी सर्दी ने हालात असमान्य कर दिए हैं। बढ़ती सर्दी का सबसे बड़ा असर बच्चों और बुजुर्गो के साथ दमा रोगियों पर पड़ा है। कोहरे और सर्दी के बीच बच्चों और बुजुगरें का दम फूलने लगा है। वहीं अचानक मौसम में आए बदलाव से हृदय रोगी, सांस,बीपी के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। अस्थमा और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ गया है।

ये है मामला

डीएनएचई (डिप्लोमा इन न्यूट्रीशन एंड हेल्थ एजुकेशन) सुनील सागर ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ-साथ बच्चों में एलर्जिक ब्रोंकाइटिस की शिकायत बढ़ने लगी है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में इंफेक्शन का खतरा कम होता है, लेकिन एलर्जी की शिकायत बढ़ जाती है। दमा रोगी अपनी दिनचर्या में बदलाव लाए। सर्दी में सुबह की सैर पर जाने से परहेज कर रहे हैं। पाकरें में भी सुबह की सैर करने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। बच्चे भी काफी परेशान है। सुबह सुबह स्कूल जाने में काफी दिक्कत हो रही है। सर्दी, जुकाम के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

सर्दी तेजी से बढ़ रही है। दमा रोगियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मौसम के हिसाब से अपने को ढाल लें। सर्दी दिल के मरीजों के लिए खतरे की घंटी है।

डॉ। तनुराज सिरोही

यह ध्यान रखें

-सुबह की सैर पर गर्म कपड़े पहनकर निकलें

-अस्थमा के रोगी दवा हमेशा अपने पास रखें

-नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक कराते रहें।

-डाक्टर के परामर्श के अनुसार दवाओं का सेवन करें।

ये है कारण-

अस्थमा का अटैक आने के बहुत सारे कारणों में वायु का प्रदूषण भी एक कारण है। अस्थमा के अटैक के दौरान वायु मार्ग के आसपास के मसल्स में कसाव और वायु मार्ग में सूजन आ जाता है। जिसके कारण हवा का आवागमन अच्छी तरह से हो नहीं पाती है। दमा के रोगी को सांस लेने से ज्यादा सांस छोड़ने में मुश्किल होती है.एलर्जी के कारण श्वसनी में बलगम पैदा हो जाता है जो कष्ट को और भी बढ़ा देता है।

बरतें एहतियात -

-इन्हेलर को अपने पास रखें

- घर को हमेशा साफ रखें ताकि धूल से एलर्जी की संभावना न हो

-योग-व्यायाम और ध्यान के द्वारा खुद को शांत रखें