एडिलेड (पीटीआई)। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने क्रिकेट में ऑन-फील्ड सुरक्षा उपायों की समीक्षा की वकालत करते हुए कहा है कि यह "किसी भी कानून को मजबूत करने" के लिए एक अच्छा विचार होगा। चैपल ने यह बात टेलेंडर्स का बचाव करते हुए कही जब वे शॉर्ट-पिच गेंदबाजी का सामना करते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में तेज बांउंसर्स ने इस मुद्दे को फिर से गरम कर दिया। हालांकि चैपल ने इस तरह की गेंदबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के विचार को खारिज कर दिया।

बाउंसर पर बैन से मनाही
चैपल ने 'ईएसपीएनक्रिकइन्फो' में लिखा, "बाउंसर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की बात को खारिज कर देना चाहिए।' इसके बजाय, बल्लेबाजी के दिग्गज चैपल ने कहा, "बल्लेबाजों, गेंदबाजों और अंपायरों सहित, ऑन-फील्ड में हर तरह के सुरक्षा उपायों को फिर से रिव्यू करना चाहिए। खेल के सबसे अच्छे विशेषज्ञों में से एक होने के नाते, चैपल इस तथ्य से बहुत अधिक परिचित हैं कि यह खिलाड़ियों, विशेष रूप से टेलेंडर्स की सुरक्षा के लिए है।'

सुरक्षा के करने चाहिए उपाय
चैपल ने कहा, "फिल ह्यूज की दुखद मौत के बाद, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक सुरक्षा समीक्षा की। अविश्वसनीय रूप से, इस प्रक्रिया में तकनीक पर ज्यादा बात नहीं हुई, जो निचले क्रम के बल्लेबाजों को सिर पर चोटें सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।" चैपल कहते हैं,
"अक्सर बल्लेबाज छोटी गेंद पर चकमा खा जाते हैं और हिट हो जाते हैं। कई बार गेंद केवल कमर और छाती की ऊँचाई के बीच ही उछलती है, लेकिन फिर भी बल्लेबाज़ को सिर में चोट लगती है, क्योंकि उसने गेंद से नजर हटा ली होती है। अभ्यास मैच में पुकोवस्की का उदाहरण हमारे सामने है।"

80 के दशक की आती है याद
बाउंसरों पर प्रतिबंध लगाने की हालिया बातचीत ने चैपल को 1980 के दशक की याद दिला दी जब वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज विश्व क्रिकेट में हावी थे। वह कहते हैं, '80 के दशक में बाउंसर पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कहा जाता था, जब वेस्टइंडीज हावी हो रहा था। इससे वेस्टइंडीज की श्रेष्ठता में कमी नहीं आई, लेकिन इसके परिणामस्वरूप नियमित बल्लेबाजी प्रदर्शन होते थे।'

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