कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। दुबई की पिचों में पिछले कुछ सालों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। कुछ पिचें धीमी रही हैं जबकि कुछ ने तेज गेंदबाजों की मदद की है। आईपीएल के पिछले दो सत्रों में औसत स्कोर 150-160 के बीच रहा है। स्पिनरों के लिए 32 की तुलना में प्रति विकेट 27 रन देकर सीमर यहां अधिक सफल रहे हैं। टीमें दुबई में तीन तेज गेंदबाजों के साथ खेलने की संभावना तलाशेंगी, जिनमें कम से कम एक तेज गति वाला (यदि उनके पास अपनी टीम में एक होने की विलासिता है) शामिल है।

क्यों अलग है यहां की पिच
एक अन्य कारक जो दुबई में फर्क करता है वह है पिच का स्थान। स्क्क्वाॅयर के किनारे की पिचों में एक तरफ छोटी बाउंड्री होती हैं, जिससे यह बल्लेबाजों और गेंदबाजों के लिए एक रोचक लड़ाई बन जाती है। दुबई में अधिकतर कप्तान बाएं-दाएं कांबिनेशन के साथ बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं। जबकि गेंदबाजी टीमों को स्पिनरों को गेंदबाजी करने के लिए सही छोर का पता लगाने की आवश्यकता होती है। भारत को दुबई में चार मैच खेलने हैं, और उनके खिलाड़ी आईपीएल के दौरान यहां खेलने का अनुभव उठा सकते हैं। पिच के आधार पर, उनके पास अपनी टीम में कई विकल्प हैं जो अच्छी बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी की स्थिति का लाभ उठा सकते हैं।

बल्लेबाजी के लिए फिट है पिच
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बल्लेबाजी के अनुकूल सतह है और यहां एक बार फिर बल्लेबाजों की मदद करने की उम्मीद है। मैच की शुरुआत में तेज गेंदबाजों को कुछ मदद मिल सकती है जबकि बीच के ओवरों में स्पिनर मददगार हो सकते हैं। ऐसे में भारत एक बेहतरीन प्लेइंग कांबिनेशन के साथ मैदान में उतरना चाहेगा।

चेज करते हुए जीतने के चांस
दुबई में मैच खेलते हुए टीम को चेज करते हुए ज्यादा जीत मिलती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो जो पहले बैटिंग करने की तुलना में बाद में बैटिंग करने वाली टीम के जीतने के चांस 60 परसेंट हैं। ऐसे में भारतीय फैंस चाहेंगे कि कप्तान विराट कोहली अगर टाॅस जीतते हैं तो पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लें। वैसे भी भारतीय टीम के मेंटर बने एमएस धोनी हमेशा चेज करने के लिए जाने जाते हैं, वह इस बारे में जरूर सलाह देंगे।

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