नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत को जनवरी तक पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मिल सकता है। एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने इस पद की नियुक्ति से संबंधित ग्राउंड वर्क पूरा कर लिया है। 1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने तीनों सेनाओं के एक संयुक्त चीफ की नियुक्ति की सिफारिश की थी, जो सरकार के लिए सिंगल प्वाइंट सैन्य सलाहकार हो। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सेना, नौसेना और वायु सेना ने पहले ही इस पद के लिए अपने वरिष्ठतम कमांडरों के नाम की सिफारिश रक्षा मंत्रालय का कर दी है।

पीएम मोदी ने की थी ऐतिहासिक सैन्य सुधार की घोषणा

यह पद देश की सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए तीन सेवाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए बनाया जा रहा है। ऐतिहासिक सैन्य सुधार को ध्यान में रखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को भारत में तीनों सैन्य सेवाओं के प्रमुख के रूप में सीडीएस के नियुक्ति की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के कुछ दिनों बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति का गठन कर दिया गया था, जिसे सीडीएस के पद और दायित्वों से संबंधित ढांचे को अंतिम रूप देना था। सूत्रों ने बताया कि समिति ने तीन सप्ताह में ही इससे संबंधित अंतिम रूपरेखा तैयार कर ली।

31 दिसंबर तक है सेना प्रमुख बिपिन रावत का कार्यकाल

तीनों सेवाओं ने नए पद के लिए अपने वरिष्ठतम कमांडरों के नामों की सिफारिश भले ही कर दी हो लेकिन सरकारी सूत्रों का मानना है कि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। सेना प्रमुख के रूप में जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। सूत्रों ने कहा कि अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता रहा तो जनरल रावत के रिटायरमेंट से पूर्व सरकार देश के पहले सीडीएस के रूप में उनके नाम की घोषणा कर देगी।

तीनों सेनाओं के बीच तालमेल होगा सीडीएस का मेन काम

तीनों सैन्य प्रमुखों की तरह सीडीएस भी फोर स्टार जनरल होगा लेकिन प्रोटोकाॅल में यह सैन्य पमुखों से सीनियर होगा। सीडीएस का मुख्य कार्य तीनों सेवाओं के बीच तालमेल सुनिश्चित करना होगा। इसमें कुछ थिएटर कमांडों की स्थापना के साथ-साथ तीनों सेनाओं के बीच उनके संचालन के मुताबिक सैन्य संपत्ति का आवंटन शामिल है।

पीएम और रक्षा मंत्री के सिंगल प्वाइंट सैन्य सलाहकार होंगे

डोभाल के नेतृत्व वाले पैनल के सामने तीनों सेवाओं ने सैन्य अभियानों के तालमेल के लिए अपनी अपेक्षाएं बता दी थीं। इसके साथ ही उन्होंने सीडीएस के दायित्वों को लेकर अपनी सिफारिशें भी कर दी थीं। सरकार ने सीडीएस के मुद्दे पर सोमवार को संसद को बताया कि सैन्य सुधार एक सतत प्रक्रिया है और जरूरत के अनुसार समय-समय पर सरकारों द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाते रहे हैं। वर्तमान में तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के लिए इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (आईडीएस) है। हालांकि सीडीएस की नियुक्ति के बाद आईडीएस को नए ढांचे में शामिल कर लिया जाएगा। सीडीएस प्रमुख सैन्य और रणनीतिक मुद्दों पर प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री के सिंगल प्वाइंट सैन्य सलाहकार होंगे।

कई समितियों का सुझाव था चीफ ऑफ डिफेंस की नियुक्ति

1999 में कारगिल युद्ध के बाद देश की सुरक्षा प्रणाली की खामियों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने रक्षा मंत्री के लिए सिंगल प्वाइंट सैन्य सलाहकार के रूप में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का आह्वान किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधारों का विश्लेषण करने वाले मंत्रियों के एक समूह ने भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त की सिफारिश की थी। 2012 में नरेश चंद्र टास्क फोर्स ने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी पद के सृजन की सिफारिश की थी।

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