नई दिल्ली (पीटीआई)। मलेरिया के इलाज में कारगर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवाई का सबसे बड़ा निर्माता भारत है। ये दवा कोरोना के खिलाफ कारगर साबित हो सकती है। यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से इस दवा को भेजने की मांग कर रहे। बढ़ती मांग को देखते हुए इसके उतपादन में तेजी लाई गई है। चूंकि कोरोना का कहर भारत में भी काफी है, मगर सरकार ने मंगलवार को दवा निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है, यानी अब ये दवा बाहर भेजी जा सकती है।

हर महीने बनती हैं 20 करोड़ टेबलेट

भारतीय फार्मास्युटिकल एलायंस (IPA) के महासचिव सुदर्शन जैन के अनुसार दुनिया में भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का 70 फीसदी उत्पादन करता है। भारत में प्रति माह 40 टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा बन सकती है। आसान भाषा में समझें, तो भारत में हर माह 200 मिलीग्राम की 20 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन गोलियां का उत्पादन होता है। इस दवा का उपयोग रुमेटी गठिया जैसे ऑटो इम्यून डिजीज के लिए भी किया जाता है। भारत में HCQ का निर्माण करने वाली बड़ी फार्मा कंपनियां इप्का प्रयोगशाला, जाइडस कैडिला और वालेस फार्मास्यूटिकल्स हैं।

अमेरिका इसलिए नहीं बनाता

जैन कहते हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए उत्पादन क्षमता पर्याप्त है। मगर मांग और जरूरत पडऩे पर कंपनियां इसके उत्पादन को तेजी से बढ़ा सकती हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कथित तौर पर इप्का प्रयोगशालाओं और जाइडस कैडिला को एचसीक्यू की लगभग 10 करोड़ टेबलेट बनाने का आदेश दिया है। यह दवा अमेरिका जैसे विकसित देशों में निर्मित नहीं की जाती। इसकी वजह है कि, वहां मलेरिया जैसी बीमारी नहीं फैलती। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन, क्लोरोक्विन के समान है जो मलेरिया के इलाज में सबसे सफल मानी जाती है। इस दवा की खासियत है कि, यह काफी सस्ती होती है। यही नहीं इसके साइड इफेक्टस भी नहीं होते।

कोरोना के इलाज का विकल्प

कोरोना महामारी के वैश्विक संकट को देखते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि यह इलाज में पूरी तरह से कारगर है, इसकी पुष्टि नहीं हुई। मगर अमेरिका जैसे बड़े देश कोविड 19 के खिलाफ इस दवा को विकल्प के रूप में देख रहे। ट्रंप इस दवा को लेकर काफी व्याकुल हैं। उन्होंने तो भारत को धमकी तक दे डाली कि, अगर भारत ने उन्हें यह दवा सप्लाई नहीं की तो वह जवाबी कार्रवाई करेंगे। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने वाली कंपनी जाइडस कैडिला को अमेरिका से भी ऑर्डर मिला है। फार्मा उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि देश में एचसीक्यू का पर्याप्त स्टॉक है और कंपनियां घरेलू क्षमता को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

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