नई दिल्ली (एएनआई)। भारत और चीन सैन्य गतिरोध को लेकर पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चुशुल के मोल्दो में रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक करीब 15 से अधिक घंटे तक चली है। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि चीनी सेना को सभी टकराव वाली जगहों से पूरी तरह पीछे हटना होगा। बता दें कि दोनों देश पिछले साल अप्रैल-मई से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ गतिरोध में लगे हुए हैं। दोनों देशों की सेनाएं भारी हथियारों और हजारों सैनिकों के साथ आमने-सामने हैं।


करीब ढाई महीने पहले हुई थी आठवें दाैर की बैठक
सीमा के तनाव को कम करने के लिए दोनों दशों में कई दौर की हुई वार्ता महत्वपूर्ण परिणाम देने में विफल रही है। दोनों देशों के बीच कोर करीब ढाई महीने पहले कमांडर-स्तरीय वार्ता का अंतिम दौर 6 नवंबर, 2020 को पूर्वी लद्दाख के चुशुल में आयोजित किया गया था। 29-30 अगस्त को, भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर ऊंचाई पर कब्जा कर लिया, जिसमें उस क्षेत्र में तैनात चीनी सेना की अनदेखी करने वाले प्रमुख स्थान शामिल हैं। चीनी सैनिक पहले भारत से दक्षिणी बैंक से सैनिकों और टैंकों को वापस लेने के लिए कह रहे हैं, लेकिन भारत सभी घर्षण बिंदुओं से विघटन के लिए कह रहा है।

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