नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत के पास अपनी सुरक्षा के लिए बाहरी खतरों से निपटने की क्षमता है। न्यूज एजेंसी एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ एक विशेष साक्षात्कार में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के पास विस्तारवादी एजेंडे वाले किसी भी देश से निपटने की क्षमता है। उन्होंने चीन के विस्तारवादी लक्ष्यों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई देश विस्तारवादी है और हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करता है, हमारी जमीन पर कब्जा करता है, तो भारत के पास यह क्षमता और शक्ति है कि वह अपनी जमीन को किसी के हाथ में न जाने दे, चाहे वह दुनिया का कोई भी देश हो।

सैनिकों का मनोबल काफी ऊंचा

रक्षा मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने गलवान संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख का दौरा किया, तो सैनिकों का मनोबल काफी ऊंचा था। उस समय उन्होंने जो संयम, वीरता और वीरता प्रदर्शित की है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह पूछे जाने पर कि क्या गलवान जैसी घटना की संभावना है क्योंकि चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पीछे हटने को तैयार नहीं है, उन्होंने कहा कि सेना देश के गाैरव पर काेई आंच नहीं आने देगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय तक गतिरोध को हल करने के लिए चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत से कोई सार्थक समाधान नहीं निकला है।

मिलिट्री लेवल पर बातचीत होगी

अभी तक यथास्थिति बनी हुई है। अगले राउंड की भी बैठक होगी उसमें मिलिट्री लेवल पर बातचीत होगी। 2020 में जो बॉर्डर पर हुआ क्या वो चीन-पाक की मिलीभगत थी इस सवाल पर उन्होंने कहाा कि मैं इस पर कुछ प्रीइम्ट नहीं करना चाहता लेकिन जो हमें छेड़ेगा उसे हम छोड़ेंगे नहीं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध के बारे में भी कहा कि कृषि संबंधी ये जो तीन कानून बने हैं ये किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाए गए हैं। पिछली सरकारों की तुलना में हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाई हैं। इस तीनों कानूनों के माध्यम से हमने पूरी कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दो-तीन गुना बढ़े।

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