Astrology Prediction 2022 for India : (ज्योतिषाचार्य- डॉ त्रिलोकीनाथ)। भारत की कुण्डली के अनुसार इस वर्ष भी चन्द्रमा की महादशा चलेगी। चन्द्रमा एक सौम्य कारक ग्रह है। भारत की कुण्डली के अनुसार चन्द्रमा पराक्रम भाव में है। ऐसी स्थिति में भारत के प्रशासक भारत को उन्नति की ओर ले जाने के लिए खूब परिश्रम करेगें। वर्तमान में चन्द्रमा और बुध का प्रत्यान्तर चल रहा है। दोनों ग्रह एक दूसरे के विरोधी है। इसलिए देश की जनता को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है अर्थात बीमारी महामारी प्राकृतिक प्रकोप जैसी घटनायें देशवासियों को परेशान कर सकती है। लेकिन कार्य-व्यापार में तेजी से सुधार होगा। भारत की वृद्धि दर बढ़ेगी। आयात-निर्यात का संतुलन बनाकर देश आगे बढ़ेगा। कुछ परेशानियाँ आयेगीं। कुछ बड़े एवं विकसित देश भारत को अपने लाभ के अनुसार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रुप से दबाव बनाने का प्रयास करेगें लेकिन भारत अपनी कूटनीतिक एवं सूझ-बूझ से विश्व शक्तियों को मनाने और अपने कार्य को आगे बढ़ाने में सफल होगा। अप्रैल 2022 तक थोड़ी परेशानियाँ रहेगी। देश को बीमारियों, महामारियों या प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ सकता है। अप्रैल 2022 तक थोड़ी सावधानी बनायें रखना है।

16 मार्च से राहु केतु अपने कुप्रभाव को कम करेगे अर्थात उच्च राशि से हटेगें तो राजनीतिक एवं सामाजिक परिदृश्य से जनता राहत महसूस करेगी। 11 अप्रैल से गुरु भी अपनी मजबूत स्थिति में पहुँच जायेगा अर्थात अपने घर में आयेगा। देश प्रेमियों एवं भारत का उत्थान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। देश को ऊँचाई पर ले जाने में प्रशासक वर्ग भी सक्रियता से कार्य करने का प्रयास करेगा। धर्म-कर्म के क्षेत्र में भी गुणात्मक सुधार होगा। 28 अप्रैल के बाद शनि भी कुंभ राशि में जायेगा और यहाँ 2.5 वर्षों तक बना रहेगा। देश उद्यमशीलता की ओर अग्रसर होगा। देश के बुनियादी ढांचे का विकास होगा और देश आगे बढ़ने में समर्थ होगा। जून,जुलाई में चन्द्रमा में केतु आयेगा। जो कि जनवरी 2023 तक बना रहेगा। केतु पताका ग्रह है। देश में व्यवसायिक गतिविधियाँ तेजी से आगे बढ़ेगीं। यद्यपि आंतरिक अविश्वास एवं आरोपों प्रत्यारोपों एवं राजनीतिक उठापटक देश को परेशान कर सकती है। दक्षिण भागो में जहाँ प्रकृतिक आपदाओं का योग बनेगा। वहीं उत्तर पश्चिम भारत में विदेशी ताकतें कुछ न कुछ परेशानियाँ खड़ी कर सकते है। उत्तर-पश्चिम अर्थात कश्मीर और पंजाब में भारत विरोधी शक्तियाँ सक्रिय भूमिका निभा सकती है। भारत के आंतिरक मामलों में खलल डाल सकती है। सरकार को भी इन दोनों प्रदेशों के लिए विशेष रुप से कार्ययोजना बनानी होगी ताकि विदेशी ताकतें हावी न हो सकें और भारत के आंतरिक मामलों में बहुत दखल न दे सकें।

यह वर्ष जहाँ अनेक चुनौतियाँ लेकर आने वाला है लेकिन इन्ही चुनौतियों के बीच भारत अपनी साख और पहचान बनाने में भी अहम भूमिका निभाने में सफल होगा। कूटनीतिक परिदृश्य से भारत जहाँ महाशक्तियों को साधने में सफल होगा वहीं पड़ोसी देशों अर्थात चीन, पाकिस्तान, बंगलादेश, श्रीलंका एवं नेपाल जैसे देशों के प्रति अतिविश्वास के कारण परेशानी भी देश को उठानी पड़ सकती है। ये देश विश्वास में लेकर विदेशी ताकतों से मिलकर भारत को अप्रत्यक्ष रुप से हानि पहुँचा सकते है। इसमें चीन और पाकिस्तान से विशेष सतर्कता बनाये रखना होगा। भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद में तेजी से वृद्धि करेगा। यह शिलशिला अभी निरन्तर कई वर्षों तक चलता रह सकता है। देश के असामाजिक तत्व जो कि विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में, सामाजिक क्षेत्रों में और राजनीतिक क्षेत्रों में बैठे है वे अपनी कुटिल चालों से देश को कमजोर करने का प्रयास करेगें। यद्यपि कभी-कभी विपक्ष की अहम भूमिका भी निभाने में सफल होगें। नौकरी,व्यवसाय को लेकर सरकार के प्रति आकर्मक की भूमिका निभायेगें। अपनी पार्टी की मजबूती के लिए शासन सत्ता पर काबिज होने के लिए देशद्रोहियों से लगाव बनाने में संकोच नहीं करेगें। जिससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी ताकतें कुछ परेशानियाँ खड़ी कर सकती है। चन्द्रमा शुभ कारक ग्रह है लेकिन चन्द्रमा में केतु के आने से कुछ अशुभ एवं अराजक तत्व शासन सत्ता पर काबिज हो सकते है। चन्द्रमा के कारण स्थितियाँ नियन्त्रण में रहेगीं। अच्छे लोगों की अर्थात देश प्रेमियों की पकड़ अभी बनी रहेगी। सामाजिक एवं धार्मिक विषमतायें फैलाने में ये लोग ज्यादा सफल नहीं हो सकेगें।

वर्तमान सरकार सामाजिक दृष्टि से भारत के हर धर्म जाति पंत को साधने का प्रयास करेगी। जनता के कल्याण के लिए सर्वव्यापी योजनायें चलाने का प्रयास करेगी। जिसमें सरकार को बहुत कुछ सफलता मिलेगी लेकिन केतु के प्रभाव के कारण एवं शनि की मजबूत स्थिति के कारण कुछ असामाजिक तत्व भ्रम फैला सकते है। वर्ग या जाति संघर्ष फैलाकर सरकार को बदनाम करके राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास कर सकते है। क्रूर ग्रहों के प्रभाव के कारण उन्हें थोड़ी बहुत सफलता भी मिल सकती है। लेकिन गुरु सूर्य एवं अन्य शुभ ग्रहों की मजबूत स्थिति के कारण जनता का विश्वास सरकार पर निरन्तर बना रहेगा। जिससे सरकार हर क्षेत्रों में विकास एवं उन्नति करने में सफल रहेगी। थोड़ी बाधायें आयेगीं जिससे थोड़ा भ्रम की भी स्थितियाँ बनेगीं। जनता का विश्वास सरकार पर कम होने लगेगा। रोजी-रोजगार जैसी परेशानियाँ भी सरकार को तनाव दे सकती है लेकिन सरकार शुभ ग्रहों के योग के प्रभाव के कारण जनता की भ्रांतियों को दूर करने में सफल हो पायेगी और देश के समुचित विकास को आगे चलने में अग्रणी भूमिका निभाने में अपनी तत्पर्यता बनाये रखने में सफल हो पायेगी।

अंततः यह कहा जा सकता है कि यह वर्ष थोड़ा उतार-चढ़ाव के साथ बीमारियाँ, महामारियों के बीच संतुलन बनाते हुए विश्व पटल पर आंतरिक समस्याओं को सुलझाते हुए। अपनी अहम भूमिका निभाने में देश सफल हो होगा। भारत की साख बढ़ेगी।विश्व विभिन्न देश भारत को सम्मान देगें। जिससे भारतवासियों को विश्व में नौकरी एवं व्यवसाय बढ़ानें में सफलता मिलेगी। विश्व बिरादरी में भी भारत का सम्मानजनक स्थान बना रहेगा।

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