ब्रिटेन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हॉकी में मिली सबसे बड़ी हार के साथ सरदार सिंह की अगुआई वाली टीम चौथे स्थान पर रही। इससे पहले ब्रिटेन की सबसे बड़ी जीत सियोल ओलंपिक की थी, जब उसने शुरुआती राउंड के मुकाबले में भारत को 3-0 से हराया था। भारतीय रक्षापंक्ति को ब्रिटेन के काउंटर अटैक के सामने बार-बार परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि पेनाल्टी कॉर्नर पर भी डिफेंडरों ने निराश किया। इंग्लैंड को एलेस्टेयर ब्रोग्डन (11वें मिनट), क्रिस ग्रिफिथ्स (27वें मिनट), एश्ले जैकसन (37वें मिनट), एडम डिक्सन (42वें मिनट) और कप्तान बैरी मिडलटन (44वें मिनट) ने 5-0 की बढ़त दिलाई जिसके बाद रुपिंदर पाल सिंह ने 59वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल दागकर हार के अंतर को कम किया।

इस हार के बावजूद भारत के ओलंपिक क्वालीफिकेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पहले ही रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुका है। इस टूर्नामेंट के जरिये भी शीर्ष चार पर रहने वाली टीमों को ओलंपिक कोटा मिलना है। पाकिस्तान की विफलता के बाद एशियाई चुनौती को आगे बढ़ाने की मलेशिया की कोशिशों को भी झटका लगा, जब टीम पांचवें स्थान के प्लेऑफ में आयरलैंड से 2-4 से हार गई। आयरलैंड ने इस जीत के साथ सौ साल में पहली बार ओलंपिक में खेलने की अपनी उम्मीदों को प्रबल कर लिया है।

महिला हॉकी टीम ने भी किया क्वालिफाई

वहीं भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी अपनी ओलंपिक में शामिल होने वाली लड़ाई में जीत हासिल कर ली है और शनिवार को जापान को 1-0 से हरा कर पांचवे स्थान के प्ले ऑफ में अपना मुकाम हासिल कर लिया है।

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